ठेकेदार संघ और तमाम ठेकेदार अपने को असहाय देख रहा है क्या करें

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मैं आज अपने उत्तराखंड प्रदेश के माननीय सभी विधायक गणों से चाहे वह किसी भी दल से संबंधित है पूछना चाहता हूं आज पूरे प्रदेश के ठेकेदार साथी लोग अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने जा रहे हैं किंतु अभी तक उनका पूर्ण रूप से कोई भी समाधान नहीं किया गया है बड़ा दुख होता है जब चुनाव के दौर मैं बड़े-बड़े वायदे किए जाते खैर चलो उन वायदों को हम नजर अंदाज कर रहे हैं किंतु मैं पूछना चाहता हूं सरकार यहां के लोग बनाते हैं उत्तराखंड प्रदेश के जितने भी लोग हैं एक-एक विधायक को चुनकर के वह इस आशा से आगे भेजता है कि हमारी आवाज सदन में किस प्रकार पहुंचेगी और हमारे हक के खातिर कौन लड़ेगा किंतु अचंभा तो तब होता है जब प्रतिनिधि देहरादून की चकाचौंध में भूल जाता है कि मैं कहां से आया क्या करने आया सरकार निर्णय ले रही है कि अब किसी भी कार्यों के बड़े-बड़े निविदाएं लगेगी और रजिस्ट्रेशन की इतनी जटिल प्रक्रिया कर दी है जोकि प्रत्येक दृष्टि से अवैधानिक लग रही हमारा व्यवसाय ठेकेदारी व्यवसाय था और आज भी इससे बहुत लोग जुड़े हुए है मैं केवल एक चीज और जानना चाहता हूं क्या इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष द्वारा आवाज उठाई गई क्या कभी हमारे सत्तारूढ़ दल के एक या दो माननीय विधायकों के अलावा किसी ने आवाज उठाई या ऐसा शासन के द्वारा कभी पूरे उत्तराखंड के ठेकेदार संघ के पदाधिकारियों की बैठक बुलाकर उनकी पीड़ा को सुना गया केवल कभी कहा गया की शासनादेश हो चुका है कभी कहा समझौता हो चुका है आज जो कुछ भी सामने देखने में आ रहा है ठेकेदार संघ और तमाम ठेकेदार अपने को असहाय देख रहा है क्या करें हम किसके पास जाए जिन लोगों पर विश्वास था उनके फैसले तो ऐसे प्रतीत होते हैं कि वह नहीं चाहते हैं कि छोटे-छोटे ठेकेदारों के हाथ में कार्य जाए उनके बाल बच्चों का भरण पोषण हो वह भी आज विकास की दौड़ में अपना योगदान दें बड़ी-बड़ी कंपनियों के हितों के लिए ही फैसले लिए जा रहे हैं हम एक सुझाव देना चाहते हैं की 15 करोड़ तक के कार्यों के निविदाएं प्रदेश स्तर के जो ठेकेदार यही के मूल निवासी हैं उनके लिए ही सुरक्षित रहने चाहिए 15 करोड़ से ऊपर की निविदाएं जो होंगी उन पर अन्य प्रदेशों के ठेकेदारों के लिए भी आमंत्रित की जा सकती है किंतु प्रथम वरीयता यहां के मूल निवासी ठेकेदार के लिए ही होनी चाहिए साथ ही हमारा सुझाव है की जो अन्य श्रेणियों के ठेकेदार प्रत्येक विभाग में इस प्रकार की व्यवस्था हो की जिससे सभी श्रेणियों के ठेकेदारों को कार्य मिल सके जैसे टर्न ओवर की बातें हैं वह सरासर गलत है क्या सरकार के द्वारा इतना बजट आता है की जितने वहां ठेकेदार हैं अगर वह कंपटीशन भी करते हैं तो क्या सब के हिस्से में कार्य आएंगे यह तो केवल भर माने वाली बातें है केवल ऐसी स्थितियां पैदा करना जिससे केवल परेशानियां परेशानियां उत्पन्न होती है और लोग सरकार को कोसते हैं अपने सरकार में बैठे हुए अफसरों को कोसते हैं की ऐसी जटिलताएं क्यों बनाई गई तथा भौगोलिक स्थिति को भी नजरअंदाज किया जाता है पहाड़ की भौगोलिक स्थितियां अलग है और मैदानी क्षेत्र की स्थितियां अलग है इसका भी ध्यान रखना जरूरी होता है मैं सरकार से निवेदन करना चाहूंगा की हम गरीब ठेकेदारों की भी सरकार सोचेगी हमारे लिए सोचना सरकार का कर्तव्य नहीं है क्या हमारे लिए जो हमारे शीर्ष सरकार चलाने वाले अफसर हैं नहीं सोचते हमारा आपसे अनुरोध है की ठेकेदार संघ की जो भी मांग है वह सब उचित है उनकी पीड़ा है और उनकी पीड़ा का समाधान करना आपका प्यार और आशीर्वाद है जिससे उनका तथा उनके बच्चों का भविष्य बने प्रदेश विकास की दौड़ में आगे बढ़े और सरकार की महत्वकांक्षी योजनाएं फलीभूत हो सब में जल्दी से जल्दी कार्य हो और मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है जिस प्रकार श्री विक्रम सिंह नेगी जी माननीय विधायक प्रताप नगर द्वारा भी सरकार को अवगत करवाया गया इसी प्रकार मैं अनुरोध करना चाहूंगा कि माननीय विधायक घनसाली के श्री शक्ति लाल शाह जी माननीय विधायक टिहरी के श्री किशोर उपाध्याय जी की आप ठेकेदारों के हितों की रक्षा के लिए तथा मांगों के लिए आगे आएंगे सरकार को अवगत कराएंगे और अपना आशीर्वाद और प्यार ठेकेदारों को देने की कृपा करेंगे इन्हीं आशाओं के साथ ठेकेदार संघ जिंदाबाद सभी ठेकेदार साथी जिंदाबाद ठेकेदार संघ के सभी पदाधिकारी गण तथा सभी सदस्य गणों को जय हिंद जय उत्तराखंड जय ठेकेदार संघ जिंदाबाद आपका ही आनंद प्रसाद व्यास पूर्व जिला पंचायत सदस्य पूर्व प्रधान पूर्व डीपीसी मेंबर

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