उत्तर प्रदेश की योगी सरकार आने वाले दिनों में व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए कई बड़े फैसले ले सकती है. योगी सरकार बिखरे हुए कई विभागों को एक करने का क्रांतिकारी कदम भी उठा सकती है. नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ.अऱविंद पनगड़िया ने इस बारे में सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा है.
नीति आयोग ने माना है कि उत्तर प्रदेश में कई बड़े विभाग, जिन्हें एक होना चाहिए वो बेवजह बिखरे हुए हैं. उदाहरण स्वरूप स्वास्थ्य विभाग मौजूदा वक्त में 5 भागों में बंटा है. पहला स्वास्थ्य विभाग, दूसरा परिवार कल्याण, तीसरा शिशु कल्याण विभाग, चौथा चिकित्सा शिक्षा विभाग औऱ पांचवा आयुष विभाग.
नीति आयोग ने अपने पत्र में इस बात की तरफ इशारा किया है कि जब एक तरफ पीएम मोदी मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस की बात कर रहे हैं तो फिर विभाग इतने क्यों बंटे. पत्र में ग्राम्य विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग औऱ शिक्षा विभाग का भी जिक्र है.
पत्र में लिखा गया है कि उत्तर प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा औऱ मदरसा शिक्षा में क्यों बंटा है. दूसरे राज्यों का उदाहऱण देते हुए नीति आयोग ने सिफारिश की है कि सरकार इस बारे में फैसला ले औऱ बिखरे हुए विभागों को एक करे.