देहरादून ।दून विश्वविद्यालय के प्रबंध अध्ययन संकाय द्वारा आयोजित शोध पत्र लेखन एवं प्रकाशन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए बीपीएस महिला विश्वविद्यालय सोनीपत हरियाणा के आचार्य डॉक्टर संकेत विज ने कहा कि कोई भी शोध तभी गुणात्मक दृष्टि से महत्वपूर्ण हो सकता है जब विषय वस्तु मौलिक हो।
उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रों में प्रकाशन की बारीकियों से शोधार्थियों को अवगत कराया। शोध ग्रंथों के विश्लेषण एवं प्रस्तुतीकरण पर उन्होंने विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि अधिकांश शोर्धी सांख्यिकीय पक्ष को अधिक महत्व देते हैं और वे समझते हैं कि यह शोध पत्र अधिक उत्कृष्ट हैं लेकिन वास्तविकता में शोध पत्रों की गुणात्मक विषय की मौलिकता, भाषा की सरलता एवं उसकी प्रस्तुतीकरण पर निर्भर करता है।
सांख्यिकीय विश्लेषण प्रविधि का चयन शोध विषय वस्तु की प्रवृत्ति व प्रकृति पर र्निभर करता है अनावश्यक साख्यिकीय विश्लेषण से भी वचने की जरूरत है। प्रबंध शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष एचसी पुरोहित ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि शोध की गुणवत्ता सुधार एक महत्वपूर्ण विषय है इस दृष्टि से शोधार्थियों का मार्गदर्शन हो इसलिए कार्यशाला आयोजित की गई है ।
इस अवसर पर प्रोफेसर एच जे घोष राँय, डॉ आशीष सिन्हा, डॉ प्राची पाठक, डॉ स्मिता त्रिपाठी, डॉक्टर अंकिता मंडोलिया सहित विभाग के शिक्षक एवं शोध छात्र उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ स्मिता त्रिपाठी ने किया।