चमोली।जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में मंगलवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में पीसीपीएनडीटी एक्त के तहत जिला सलाहकार समिति की बैठक हुई। जिसमें लिंग परीक्षण करने वाले केन्द्रों के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही करने तथा इस संबध में किसी भी प्रकार की शिकायत और सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए गए।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि अल्ट्रासाउंड केन्द्रों का नियमित निरीक्षण किया जाए। कम लिंगानुपात वाले क्षेत्रों में सामाजिक संगठनों से सहयोग हेतु समन्वय बनाते हुए ऐसे क्षेत्रों में विशेष जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जाए। जिन केन्द्रों में गर्भवती महिलाओं द्वारा अल्ट्रासाउंड कराने के बाद डिलीवरी कम हो रही है, ऐसे मामलों की गहनता से पडताल की जाए। भू्रण निर्धारण का मामला संज्ञान में आने पर अल्ट्रासाउंड केन्द्र को तत्काल सीज करते हुए संचालक के खिलाफ एक्ट के तहत कडी कार्रवाई अमल में लाना सुनिश्चित करें। कहा कि लोगों को जागरूक करें और भ्रूण परीक्षण के संबध में जानकारी देने वालों को पुरस्कृत करें। जिलाधिकारी यह भी निर्देश दिए कि ऐसे अस्पताल जहां पर स्वास्थ्य जांच के लिए मशीनें उपलब्ध है, लेकिन उसके संचालन के लिए कोई चिकित्सक नही है, या जहां पर चिकित्सक है, लेकिन मशीन उपलब्ध नही है, तो इसकी जानकारी तत्काल उपलब्ध करें। एसडीएच कर्णप्रयाग में अल्ट्रासाउंण्ड मशीन निष्प्रयोज्य होने के मामले में अन्य चिकित्सा ईकाई जहां पर इसका उपयोग नही हो रहा है वहां से इसकी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए।
सीएमओ ने बताया कि आशा सर्वे-2022 के अनुसार जनपद में 0-6 वर्ष के बच्चों का लिंगानुपात 959 है। जिनमें ब्लाकों में बच्चों का लिंगानुपात 959 से भी कम है, उनमें जोशीमठ 928, पोखरी 933, नारायणबगड 938 तथा थराली 939 शामिल है। जिले में कुल 19 अल्ट्रासाउंड केन्द्र पंजीकृत है, जिसमें से 8 केन्द्र सीज है। जबकि 4 सरकारी और 3 प्राइवेट अल्ट्रासाउंड केन्द्र संचालित है। गर्भवती महिलाओं की प्राथमिक जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति लिंग निर्धारण जैसी अवैध गतिविधियों के संबध में गोपनीय सूचना दे सकता है। बैठक में जिला समन्वयक संदीप कण्डारी ने पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत संचालित कार्यो से अवगत कराते हुए अल्ट्रासाउंड केन्द्रों से संबधित प्रस्ताव समिति के समक्ष रखे। जिस पर चर्चा के बाद आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए।
बैठक में अपर जिलाधिकारी अभिषेक त्रिपाठी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 राजीव शर्मा, एसीएमएस डा. एमएस खाती, बाल रोग विशेषज्ञ मानस सक्सेना, डीजीसी फौजदारी प्रकाश भण्डारी, हिमांद संस्था के सचिव उमा शंकर बिष्ट सहित अन्य सदस्य ़मौजूद थे।
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