उत्तरकाशी । राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं राष्ट्रीय कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने स्वास्थ्य विभाग की बैठक लेते हुए जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
डीएम ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की समीक्षा करते हुए गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर में कमी लाने के निर्देश सीएमओ को दिए। गत वर्ष जिले में 7 गर्भवती महिलाओं की मृत्यु हुई थी। जिसमें भटवाड़ी ब्लाक की चार एवं पुरोला ब्लाक की तीन महिला थी। गर्भवती महिलाओं की मौत किन कारणों से हुई है जिलाधिकारी ने गहन अध्ययन कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश सीएमओ को दिए। ताकि इस दिशा में काम किया जा सकें। जिलाधिकारी ने दूरस्थ क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं के प्रसव हेतु एक सप्ताह पहले ही सीएचसी या जिला चिकित्सालय में भर्ती कराने को कहा।साथ ही गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए ब्लाक स्तर पर कॉल सेंटर बनाने के निर्देश दिए। तथा जिले स्तर से भी मॉनिटरिंग करने के निर्देश सीएमओ को दिए। काल सेंटर से गर्भ धारण करने वाली महिलाओं की भी तत्काल सूचना ली जाय। ताकि उनके स्वास्थ्य की देख-रेख समय रहते की जा सकें।इस हेतु जागरूकता अभियान चलाने को भी कहा। सभी डीपीएम को महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर गम्भीरता से कार्य करने के निर्देश दिए। तथा संस्थागत प्रसव के लिए महिलाओं को जागरूक करने को कहा।
शिशु मृत्यु दर की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने शिशु मृत्यु दर में कमी लाने पर गम्भीरता से कार्य करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए। साथ ही प्रसूताओं को नवजात शिशुओं की देख-बाल को लेकर जागरूक करने को कहा। इस हेतु आशा कार्यकत्रियों की हर ब्लाक स्तर पर कार्यशाला आयोजित कराने को कहा। ताकि आशा कार्यकत्री गांव-गांव जाकर महिलाओं को जागरूक कर सकें।सीएमओ द्वारा बताया गया कि चालू वर्ष में एनीमिया के 32 केस आए सभी का उपचार किया गया। इस परिपेक्ष्य में जिलाधिकारी ने एनीमिया से ग्रस्त लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी लेने हेतु काल सेंटर से निरंतर सम्पर्क बनाएं रखने के निर्देश सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि कोई भी शिशु टिकाकरण से ना छुटे इस हेतु स्पेशल अभियान चलाने के साथ ही टिकाकरण में तेजी लाई जाय। जिलाधिकारी ने कोविड वेक्सिनेशन में भी तेजी लाने एवं क्षय रोग (टीबी) के बारे में आमजन के मध्य जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए। बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए डीएम ने स्कूल,आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के स्वास्थ्य स्क्रीनिग के लिए आरबीएसके की प्रत्येक टीम का रोस्टर बनाने को कहा। साथ ही आरबीएसके टीम द्वारा माह में कितने स्कूल के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया,प्रति माह रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश सीएमओ को दिए। तम्बाकू नियंत्रण को लेकर सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने वाले लोगों के चालान किए जाए। आशा कार्यकत्रियों की समीक्षा के दौरान आशा कॉर्डिनेटर द्वारा बताया गया कि जिले में 625 आशा कार्यकत्री एवं 37 आशा फेसिलेटर हैं। आशा संगनी पोर्टल के माध्यम से सभी आशा कार्यकत्री को प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
बैठक में सीएमओ डॉ केएस चौहान,सीएमएस डॉ बीएस रावत,एसीएमओ यमुनावैली डॉ आरसी आर्य,जिला आशा कॉर्डिनेटर सीमा,सहित डीपीएम एवं आशा फेसिलेटर आदि उपस्थित रहे।
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