देहरादून । उत्तराखंड भाजपा के दृष्टिपत्र में दृष्टि गायब हो गयी है। इसमें मात्र नकद पैसा बांटने तथा जनता को पैसा देकर लुभाने के अलावा कोई विजन नही है। वेरोजगारी दूर करने की कोई ठोस कार्ययोजना नही है।पिछले कार्य काल मे 13 टूरिज्म स्पॉट बनाने की बात करने पर एक स्पॉट नही बनाया और अब 45 सपाट बनाने की बात करना एकदम झूठ फैलाना है। शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर कोई विजन नही है।पिछली बार स्मार्टसिटी की बात की जो नही बनी अब स्मार्ट विलेज की बात का कोई मायना नही है।
उत्तराखंड की आर्थिकी मजबूत करने, उद्यान को बढ़ाने, कृषि एवं कृषि आधारित क्षेत्रों के विकास, पर्वतीय क्षेत्रों में उधोगों को बढ़ाने के लिए कुछ नही है। राज्य की स्थायी राजधानी गैरसैंण की कोई बात न करना दुर्भाग्यपूर्ण है। भूक़ानून को नष्ट कर सख्त भूक़ानून की बात करना जनता के साथ धोखा है। इस प्रकार सम्पूर्णता में देंखें तो भाजपा के पास उत्तराखंड का कोई विजन नही है। फ्री पैसा बांटने की बात कहकर उत्तराखंड की जनता को अकर्मण्य बनाने का गलत कार्य किया जा रहा है। इसमें विकास का कोई खाका नही खींचा गया ।यँहा गुजरात मांडल, दिल्ली मांडल सब फेल हो गए हैं।उत्तराखंड में केवल उत्तराखंड मांडल चलेगा जोकि केवल उक्रांद के पास है।