देहरादून । मुख्यमंत्री द्वारा राज्य आंदोलनकारी श्रेणी के कार्मिकों और चयनित अभ्यर्थियों की सेवाओं को विनियमित करने हेतु 10% क्षैतिज आरक्षण पर नवीन सेवा नियमावली को 24 दिसम्बर की कैबिनेट में मंजूरी का आश्वासन दिये जाने के बावजूद कैबिनेट में इस आशय का कोई प्रस्ताव नहीं आया।
जबकि आंदोलनकारी इसकी माँग लम्बे समय से कर रहे हैं और स्वयं मुख्यमंत्री ने 19 तारीख की वार्ता में अपर मुख्य सचिव आंनद वर्धन को इस नियमावली को 24 की कैबिनेट में प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया था। अब या तो मुख्यमंत्री आन्दोलनकारियों को गुमराह कर रहे हैं या फिर स्वयं गुमराह हो रहे हैं। दोनों ही स्थितियां दुर्भाग्यपूर्ण हैं। इस पर अब राज्य आंदोलनकारी चुप नहीं बैठेंगे। ये राज्य आंदोलन के शहीदों का अपमान है, राज्य आंदोलनकारियों के संघर्ष का अपमान है।
हमारा संघर्ष जारी रहेगा और इस सेवा नियमावली को हम लेकर ही रहेंगे। सरकार यदि हमसे आत्मदाह ही करवाना चाहती है तो सरकार लाशें गिनने के लिए तैयार रहे। अब हम सामूहिक आत्मदाह करेंगे।
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