रिपोर्ट ललित जोशी। छायाकार धर्मा चन्देल।
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मुबंई के एक दुष्कर्म पीड़ित को महिला माने जाने संबंधी उसके निर्देश का पालन नहीं करने वाले एक सिविल जज को अवमानना नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी।मुंबई निवासी दुष्कर्म पीड़ित की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने पौड़ी गढ़वाल के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव और सीनियर डिवीजन के सिविल जज संदीप कुमार तिवारी को अवमानना नोटिस जारी किया है। सिविल जज को अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।
इससे पहले, पीड़ित ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी जिसकी सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को महिला मानने का निर्देश जारी किया गया था। बाद में पीड़ित ने एक अवमानना याचिका दायर करते हुए आरोप लगाया कि उक्त न्यायाधीश ने इस संबंध में उच्च न्यायालय के निर्देश को मानने से इनकार कर दिया।
देहरादून।सेलाकुई क्षेत्र में 11 वर्षीय बालक अरमान की हत्या का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया…
देहरादून।उत्तराखंड निकाय चुनावों में इस बार राजनीतिक पार्टियों से ऊपर उठकर योग्य और कर्मठ निर्दलीय…
देहरादून।उत्तराखंड सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) को आरक्षण प्रदान करने हेतु आय…
रूद्रप्रयाग।देवरियाताल-चोपता ट्रैक पर जंगल में भटककर घायल हुए तीन यात्रियों को संयुक्त टीम ने साहसिक…
हरिद्वार।थाना पथरी क्षेत्र के ग्राम इक्कड कलां में विवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के…
देहरादून।उत्तराखंड सरकार की सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) ने उत्तराखंड यूसीसी पोर्टल के लिए एक…