देहरादून।उत्तराखण्ड की लोकगायिका रेखा रावत ने अपनी लोककला के जरिए बहुत ही कम समय में अपने आप को लोकगीतों से स्थापित किया है। रेखा रावत ने दो साल पहले माता रानी के भजन से लोकगीत की शुरुआत की ।धीरे धीरे लोकल प्रोग्राम व सोशल मीडिया व यूटूब चैनलों में रेखा के लोकगीत हाईलाइट होते । मूलरूप से पौड़ी गढ़वाल निवासी रेखा वर्तमान में देहरादून हाथीबड़कला में अपने परिवार पति व दो बच्चों के साथ रह रही है।
रेखा रावत ने उत्तराखंड की लोक संस्कृति व परम्परा पर कुमाऊं व गढ़वाल के अलग अंदाज में कई प्रकार गीत लिखे ओर मंच दिया है।
रेखा रावत का एक नया लोकगीत रिलीज हुआ है।इस गीत में पारंपरिक रीति रिवाज एक मेले के में शाली को जीजा अपने गांव में मेला में आने के बारे यह गीत बनाया।शाली बोलती है जीजा तेरा मुल्क कुमाऊं में जरुर आउंगी।।
,स्याली झम ले वाल गाना इन दोनों यूटूब चैनल व इंस्टाग्राम व सोशल मीडिया में धमाल मचाया है। इस गीत रेखा रावत के साथ राजेन्द्र रावत ने जीजा का रोल निभाते हुए अपनी आवाज दी है ।
प्रताप सिंह नेगी समाजिक कार्यकर्ता ने बताया रेखा रावत ने दो सालों में ही अपनी लोककला के जरिए उत्तराखंड में उत्तराखंड सांस्कृतिक मंच में अपनी एक अलग ही छबि बनाई है। नेगी ने रेखा लोकलाकर की प्रसंसा करते हुए कहा रेखा रावत की तौर लगन व मेहनत से काम करने वाली मात्र शक्ति को मंजिल ज़रुर मिलती है।