संशोधित होगी राज्य की आपदा एवं पुनर्वास नीति: डा. धन सिंह रावत

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नई नीति में शामिल किये जायेंगे विशेषज्ञों एवं विधायकों के सुझाव

वर्ष 2012 से अब तक 43 गांवों के 1086 परिवारों का हुआ पुनर्वास

मंत्री ने लगाई अधिकारियों को फटकार, कहा लम्बित ममालों में लायें तेजी

देहरादून।आपदा प्रभावित गांवों के पुनर्वास को लेकर उच्च शिक्षा, सहकारिता, प्रोटोकाॅल एवं आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिसमें आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील क्षेत्रों के विधायक भी मौजूद रहे। बैठक की खास बात यह रही कि इसमें विपक्ष के विधायकों ने भी शिरकत कर अपने-अपने क्षेत्रों के आपदा प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर सुझाव रखे। साथ ही विपक्षी विधायकों ने विभागीय मंत्री डा. रावत का आभार जताते हुए कहा कि यह पहला मौका है जब किसी संवेदनशील मुद्दे पर प्रतिपक्ष के विधायकों को भी बैठक में आमंत्रित किया गया। विभागीय मंत्री ने बैठक में विधायकों द्वारा दिये गये जनहित के सुझावों को शामिल कर प्राकृतिक आपदा संबंधी वर्ष 2011 की विस्थापन/पुनर्वास नीति का संशोधन प्रस्ताव शीघ्र कैबिनेट में लाने के निर्देश अधिकारियों को दिये।

समीक्षा बैठक में उपस्थित विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों के दैवीय आपदाग्रस्त गांवों एवं परिवारों के शीघ्र विस्थापन की मांग रखते हुए नियमों में शिथिलता लाने सम्बंधी सुझाव रखे। जिस पर विभागीय मंत्री डा. रावत ने विधायकों को भरोसा दिलाया कि शीघ्र ही आपदा प्रभावितों के विस्थापन संबंधी नीति में संशोधन कराया जायेगा। जिसमें विधायकों एवं विशेषज्ञों के उपयोगी सुझावों को शामिल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि 10 दिन बाद पुनः विस्थापन एवं पुनर्वास प्रकरणों की समीक्षा की जायेगी। विभागीय मंत्री ने अधिकारियों द्वारा बैठक में पुराने एवं आधे-अधूरे आंकड़े प्रस्तुत करने पर फटकार लगाते हुए भविष्य में पूरी जानकारी के साथ बैठक में आने की नसीहत दी।

विभागीय मंत्री डा. रावत ने बताय कि राज्य में पुनर्वास नीति 2011 लागू होने पश्चात विभाग द्वारा प्रदेश में अब तक कुल 43 गांवों के 1086 परिवारों का विस्थापन किया चुका है। जिनके पुनर्वास पर विभाग द्वारा कुल 45 करोड़ 63 लाख 63 हजार 916 रूपये की धनराशि खर्च की जा चुकी है। समीक्षा बैठक में वर्तमान तक पुनर्वासित परिवारों की जनकारी देते हुए विभागीय सचिव एस.ए. मुरूगेशन ने बताया कि वर्ष 2012 एवं 2015 में रूद्रप्रयाग जनपद के 4 परिवार एवं चमोली जनपद के 07 परिवारों का पुनर्वास किया। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2017-18 में 4 जनपदों के 177 परिवारों का पुनर्वास किया गया। जिनमें बागेश्वर के 28, चमोली के 67, टिहरी के 26, एवं रूद्रप्रयाग के 56 परिवार शामिल हैं। जबकि वित्तीय वर्ष 2018-19 में 3 जनपदों के आपदा प्रभावित 151 परिवारों का पुनर्वास किया गया। जिनमें चमोली के 113, बागेश्वर के 18, टिहरी के 20 परिवार शामिल है। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2019-20 के तहत 04 जनपदों 360 परिवारों का पुनर्वास किया गया। जिसमें पिथौरागढ़ के 21, टिहरी के 265, बागेश्वर के 5, चमोली के 69 परिवार शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 6 जनपदों के 258 परिवारों का पुनर्वास किया गया। जिनमें टिहरी के 92, उत्तरकाशी के 91, चमोली के 18, नैनीताल के 1, बागेश्वर के 4, पिथौरागढ़ के 52 परिवार शामिल हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में 3 जनपदों के 129 परिवारों का विस्थापन कर दिया गया है। जिसमें अल्मोड़ा के 4, उत्तरकाशी के 94 और पिथौरागढ़ के 31 परिवार शामिल हैं।

बैठक में कपकोट विधायक बलवन्त सिंह भौंर्याल, यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत, पुरोला विधायक राजकुमार, बद्रीनाथ विधायक महेन्द्र भट्ट, केदारनाथ विधायक मनोज रावत, थराली विधायक मुन्नी देवी, घनसाली विधायक शक्ति लाल, धारचूला विधायक हरीश धामी, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास एस.ए. मुरूगेशन, अपर सचिव डा. आनन्द श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव विक्रम सिंह यादव, अनुभाग अधिकारी एस.डी. बेलवाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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