देहरादून उत्तराखंड एसटीएफ की साइबर क्राइम पुलिस टीम ने देशभर में करोड़ों रुपये की साइबर धोखाधड़ी से जुड़े “डिजिटल हाउस अरेस्ट स्कैम” का पर्दाफाश करते हुए मुख्य अभियुक्त नीरज भट्ट को जयपुर, राजस्थान से गिरफ्तार किया है। नीरज (19 वर्ष) के कब्जे से घटना में प्रयुक्त AU Small Finance बैंक खाते का सिम और एक मोबाइल हैंडसेट बरामद किया गया। जांच में पता चला है कि इस खाते के खिलाफ अरुणाचल प्रदेश और महाराष्ट्र में भी शिकायतें दर्ज हैं।
देहरादून के निरंजनपुर निवासी एक पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके साथ 2.27 करोड़ रुपये की साइबर ठगी हुई है। आरोपी ने खुद को मुंबई साइबर क्राइम पुलिस अधिकारी बताते हुए व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए पीड़ित को धमकाया और उसे 9 दिनों तक डिजिटल हाउस अरेस्ट में रखा। इस दौरान आरोपी ने मनी लॉन्ड्रिंग और गिरफ्तार वारंट का डर दिखाकर पीड़ित को अपने खातों में बड़ी रकम ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया।
आरोपी ने पीड़ित को भरोसा दिलाया कि उसके बैंक खातों की जांच हो रही है और 24-48 घंटे में पैसा वापस कर दिया जाएगा। लेकिन लगातार पैसे की मांग बढ़ती गई। जब पीड़ित को यह एहसास हुआ कि वह एक स्कैम का शिकार हो गया है, तब तक उसकी जीवनभर की कमाई ठगी जा चुकी थी।
एसटीएफ की टीम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तेजी से कार्रवाई की। घटना में इस्तेमाल बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और अन्य तकनीकी साक्ष्यों का विश्लेषण किया गया। तकनीकी संसाधनों का उपयोग करते हुए अभियुक्त की पहचान की गई और जयपुर में दबिश देकर उसे गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ प्रमुख नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि “डिजिटल हाउस अरेस्ट” स्कैम से सतर्क रहें। कोई भी एजेंसी व्हाट्सएप या अन्य माध्यमों से आपको डिजिटल अरेस्ट करने का नोटिस नहीं भेजती। यदि कोई व्यक्ति आपको धमकाता है या पैसे मांगता है, तो तुरंत साइबर पुलिस स्टेशन या 1930 हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराएं। ऐसे फर्जी कॉल और मैसेज से बचें और सतर्क रहें।