21 हुई शताब्दी में प्रभावी अध्यापन वही है जहाँ पाठ्यक्रम कवर करने की वाध्यता न हो: प्रोफेसर कलसी

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देहरादून । दून विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित इकीसवीं सदी की शिक्षण विधि पर एकदिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग के अवकाश प्राप्त आचार्य एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक डॉ पी एस कलसी ने कहा कि अध्यापक को कक्षा के अंदर पाठ्यक्रम समयावधि के अंदर पूर्ण करने की वाध्यता नहीं होनी चाहिए विशेष तौर पर उच्च शिक्षण संस्थानों में एक शिक्षक को विद्यार्थियों के ज्ञान वर्धन हेतु शिक्षण में नये प्रयोग एवं नवाचार युक्त शिक्षण सामग्री का उपयोग कर शिक्षण को रोचक एवं रुचिकर बनाना लाभकारी सिद्ध होगा । उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थान में अध्यापक को पाठ्यक्रम कवर करने की चिंता न कर विद्यार्थियों को उस विषय वस्तु से संबंधित ज्ञान संवर्धन के समस्त अभीप्रेरक प्रयोग करने होंगे और यही प्रक्रिया उनकी सोच को विकसित करने में सहायक होगी। नवाचार एवं मौलिकता युक्त शिक्षण सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को आनंदायक बनाने में मददगार होगी जो विद्यार्थियों को नये प्रयोग हेतु प्रोत्साहित करेगी। प्रोफ़ेसर कलसी ने कहा की अच्छा शिक्षक वही है जो अपने विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन करे एवं मनोबल बढाने में मददगार हो सके ।

प्रोफ़ेसर कलसी ने इस अवसर पर विज्ञान के कई रोचक सस्ंमरण साझा किए उन्होंने विश्व के कई ख्याति लब्ध वैज्ञानिकों एवं नोबेल पुरस्कार से सम्मानित वैज्ञानिकों के शोध संस्मरण साझा करते हुए कहा कि इन वैज्ञानिकों ने अपने जीवन में कभी भी पाठ्यक्रम तक अपने को सीमित नहीं रखा । हमें विद्यार्थियों को ज्ञान के अनंत लोग तक ले जाने के लिए सदैव र्प्रयत्नशील रहना चाहिए जिससे विद्यार्थी एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपने को प्रस्तुत कर सके और वह जहाँ भी कार्य करे उत्कृष्टता को प्राप्त करें।

इस अवसर विश्वविद्यालय आइ क्यू ए सी के निदेशक प्रोफ़ेसर एच सी पुरोहित ने दून विश्वविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रमो पर विस्तार से चर्चा करते हुए उनके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला में डॉ विनीत कुमार वैज्ञानिक एफ आर आई, डॉ सविता कर्नाटका, डॉ नरेंद्र रावल, सुधांशु जोशी, डॉ अरुण कुमार, डॉ नितिन कुमार, डॉ राशि मिश्रा, हिमानी शर्मा, डॉ माला शिखा, डॉ चंद्रिका कुमार, डॉ स्वागता बसु, डॉ अचलेश, डॉ दीपिका भाटिया, डॉ स्मिता त्रिपाठी सहित विश्वविद्यालय के प्राध्यापक उपस्थित थे।

देवभूमि खबर

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