देहरादून।38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड में खेल अवस्थापना सुविधाओं का बड़े पैमाने पर विस्तार किया जा रहा है। खेल विभाग ने इन सुविधाओं के दीर्घकालिक उपयोग के लिए लेगेसी पॉलिसी का मसौदा तैयार किया है, जिसमें खेल अकादमियां खोलने का प्रस्ताव शामिल है। इस पॉलिसी का उद्देश्य राष्ट्रीय खेलों के बाद भी खेल गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करना और महंगे उपकरणों व आधारभूत ढांचे का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करना है। प्रस्ताव को जल्द ही शासन को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
रांची सहित देश के कई हिस्सों में राष्ट्रीय खेलों के बाद खेल ढांचे का सही उपयोग नहीं हो सका, जिससे महंगे उपकरण खराब हो गए। उत्तराखंड ने इन अनुभवों को ध्यान में रखते हुए अवस्थापना सुविधाओं का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने की योजना बनाई है। खेल विभाग के विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा ने बताया कि लेगेसी पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार है और इसे जल्द से जल्द मंजूरी दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।
राष्ट्रीय खेलों के बाद देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी और खटीमा समेत अन्य शहरों में बने आधुनिक खेल ढांचे की देखभाल और उपयोग सुनिश्चित करने के लिए खेल अकादमियां जरूरी मानी जा रही हैं।
- इन अकादमियों से खिलाड़ियों को संबंधित खेलों में प्रशिक्षण लेने का अवसर मिलेगा।
- आधारभूत ढांचे और उपकरणों की देखभाल के लिए प्रशिक्षित मानव संसाधन की भी आवश्यकता होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से उत्तराखंड में खेल अवस्थापना सुविधाओं का बड़े स्तर पर विस्तार हो रहा है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन सुविधाओं से खिलाड़ियों को लगातार लाभ मिलता रहे। यह उत्तराखंड के खेल विकास के लिए अति महत्वपूर्ण कदम है।”