देहरादून।उत्तराखंड सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) को आरक्षण प्रदान करने हेतु आय एवं संपत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। 21 जनवरी 2025 को जारी इस आदेश में स्पष्ट किया गया है कि प्रमाण पत्र जारी करने से पहले स्थलीय निरीक्षण और सत्यापन अनिवार्य होगा। यह सत्यापन केवल तहसीलदार स्तर से ऊपर के अधिकारी द्वारा किया जाएगा।
सरकार ने उत्तराखंड लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत पात्रता के मापदंडों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। इन मापदंडों के अनुसार, जिन परिवारों की वार्षिक आय ₹8 लाख से कम है और जिनके पास निम्नलिखित संपत्ति नहीं है, वे इस वर्ग में आरक्षण के पात्र होंगे:
- 5 एकड़ या उससे अधिक कृषि भूमि।
- 1000 वर्ग फुट या उससे अधिक का आवासीय भवन।
- अधिसूचित नगरपालिकाओं में 100 वर्ग गज या उससे अधिक का आवासीय भूखंड।
- अन्य क्षेत्रों में 200 वर्ग गज या उससे अधिक का भूखंड।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी अपात्र व्यक्ति को गलत तरीके से प्रमाण पत्र जारी किया गया है, तो ऐसे प्रमाण पत्र तुरंत रद्द किए जाएंगे, और संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आदेश में सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि इस निर्णय का सख्ती से पालन किया जाए ताकि आरक्षण का लाभ केवल पात्र व्यक्तियों तक पहुंचे।