देहरादून। उत्तराखंड के करीब 1.60 लाख से ज्यादा कर्मचारियों के लिए यह खबर थोड़ी मायूसी भरी हो सकती है। जीपीएफ यानी सामान्य भविष्य निधि फंड (और ऐसी ही अन्य निधियों पर) पर ब्याज दर अगली तिमाही के लिए घटाकर 7.1 फीसदी कर दी गई है। राज्य सरकार के वित्त विभाग के आदेश के अनुसार साल की दूसरी तिमाही यानी एक अप्रैल से 30 जून पर जीपीएफ पर 7.1 फीसदी ब्याज मिलेगा। गौरतलब है कि साल की पहली तिमाही यानी जनवरी से मार्च तक जीपीएफ पर ब्याज दर 7.9 फीसदी थी। आशा की जा सकती है कि तब तक कोरोना वायरस संक्रमण से थमी अर्थव्यवस्था और दुनिया थोड़ी रफ्तार पकड़ने लगेगी और तब स्थितियों के अनुसार जीपीएफ पर ब्याज दर का भी आकलन किया जाएगा। उत्तराखंड के वित्त सचिव अमित नेगी ने शुक्रवार को अगली तिमाही के लिए जीपीएफ की ब्याज दर 7.1 प्रतिशत किए जाने का आदेश जारी किया। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था में आए ठहराव को देखते हुए केंद्र सरकार ने यह फैसला किया है और राज्य सरकारों को केंद्र का अनुकरण करना होता है। बता दें कि केंद्र सरकार ने दो दिन पहले ही साल की दूसरी तिमाही, अप्रैल से जून, के लिए जीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 रखने का आदेश जारी किया था. केंद्र का नोटिफिकेशन मिलने के बाद राज्य सरकार ने भी इस आशय का आदेश जारी कर दिया।
साल की पहली तिमाही, जनवरी से मार्च, तक जीपीएफ पर ब्याज दर 7.9 फीसदी थी। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से देश ही नहीं दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियां ठप हैं और इसी वजह से केंद्र और फिर राज्य सरकार को ब्याज दरें घटाने का फैसला करना पड़ा है। ऐसा नहीं कि केंद्र और राज्य सरकारों ने ब्याज दर कम कर सरकारी कर्मचारियों को सजा दी हो. अर्थव्यवस्था के ठप होने की वजह से केंद्र पहले ही मकानों, कार आदि की किस्ते (ईएमआई) तीन महीने न चुकाने की छूट दे चुका है। देश भर में जरूरतमंद लोगों को तीन महीने का राशन और मुफ्त अतिरिक्त राशन दिया जा चुका या दिया जा रहा है।
उत्तराखंड ने राशन में भी बढ़ोत्तरी की है और गरीब मजदूरों, दिहाड़ी कर्मचारियों को राशन और खाना भी दिया जा रहा है। सभी के साथ सरकारें भी आशा कर रही हैं कि यह स्थिति तीन महीने बाद सुधरे और अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटे।