पिथौरागढ़।।30 अप्रैल को बेस हॉस्पिटल दिल्ली से डिस्चार्ज नायब सूबेदार राजेंद्र सिंह बिष्ट के गावं न पहुंचने पर गढ़वाल संसदीय क्षेत्र से पूर्व लोकसभा प्रत्याशी इंजीनियर डीपीएस रावत ने सरकार पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि यह देवभूमि उत्तराखंड के लिए एक दुःखद घटना है कि कई लोगो को आजतक हमारी सरकार और देश के रक्षा मंत्रालय से न्याय नही मिला। हर बार कई कारणो से हमारे जवानों अपनी जान जोखिम मे डालकर देश की रक्षा करने मे तत्पर रहते हैं। फिर भी उनको कोई न्याय नही मिलता है।
अब एक बड़ा सवाल उठता है कि बेस हॉस्पिटल दिल्ली ने बिना गॉर्जिन व यूनिट को सूचित किये बिना राजेंद्र सिंह बिष्ट को कैसे डिस्चार्ज किया!
उन्होंने कहा कि उनके छोटे भाई से मिली जानकारी से मालूम हुआ कि नायब सूबेदार राजेंद्र सिंह बिष्ट 234 बंगाल इंजीनियर रेजीमेन्ट रुड़की मे कार्यरत थे। और मार्च 2021 को आर्मी हॉस्पिटल रुड़की मे एडमिट थे। और उनका ब्रेन ट्यूमर का ईलाज चल रहा था। कुछ समय के बाद आर्मी हॉस्पिटल रुड़की ने दिल्ली बेस हॉस्पिटल दिल्ली को यह मामला रेफर कर दिया था। जून 2021 को लॉकडाउन की सूर्यवात भी हो चुकी थी। जब्कि 30 अप्रैल 2021 को नायब सूबेदार राजेंद्र सिंह बिष्ट को बेस हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया था।
नायब सूबेदार राजेंद्र सिंह बिष्ट उत्तराखंड के ग्राम व पोस्ट आफिस भटेरी विकासखंड मुनाकोटी जिला पिथौरागढ़ के मूल निवासी है। कुछ समय पहले उनकी पत्नी का भी देहांत हो चुका था। और अब उनके घर पर उनके छोटे बच्चे है जिनका पालन पोषण करना उनकी माँ के लिये बड़ा कठिन है।
इंजीनियर डीपीएस रावत ने कहा कि इस मामले को वह मुख्यमंत्री, आर्मी हेड क्वार्टर पीएमओ को मांग पत्र देंगे ताकि ठोस कार्रवाई हो । हमारी सेना के जवान नायब सूबेदार राजेंद्र सिंह बिष्ट अपने घर कुशलता पूर्वक पहुचे। उत्तराखंड रक्षा मोर्चा परिवार सदा राजेंद्र सिंह बिष्ट के परिवार के साथ खड़ा है।