भौंसारी गधेरे के पुनर्जीवन में लगे बेहतरीन कार्यों के लिए 32 कार्यकर्ताओं को किया गया सम्मानित

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रुद्रप्रयाग । जनपद में वर्षा जल के संरक्षण-सम्वर्द्धन के लिए एक मॉडल के रूप में विकसित हो रहे भौंसारी गधेरे के पुनर्जीवन में लगे 32 कार्यकर्ताओं को सम्मानित करते हुए जिले के मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार ने कहा कि इस कार्यक्रम को मनरेगा से जोड़ा जाएगा और किये गए कार्यों की सुरक्षा के साथ-साथ सम्वर्द्धन के लिए भी समुचित प्रयास किये जायेंगे।

रुद्रप्रयाग जनपद के अगस्त्यमुनि विकास खण्ड के अंतर्गत कुरझण जूनियर हाईस्कूल के प्रांगण में आयोजित एक वृहद कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि जल का संरक्षण व संग्रहण ग्रामीण विकास का मुख्य आधार है। इसी से हम बहुमुखी विकास की आधारभूत संरचनायें विकसित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व जिलाधिकारी श्री मंगेश घिल्डियाल ने जिस भावना से इस कार्य की बुनियाद रखी, जल संरक्षण-सम्वर्द्धन न्यास उसे उसी भावना से आगे बढ़ा रहा है, यह उल्लेखनीय स्थिति है। उन्होंने ग्राम जलागम समिति क्वीली, कुरझण, ढोंढिक और आगर की चारों ग्राम जलागम समितियों की 28 महिलाओं और 4 पुरुषों को सम्मानित करते हुए आशा जताई कि इससे अन्य संगठनों को भी सीख मिलेगी।

कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि नरेश कुमार, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, मुख्य शिक्षाधिकारी लक्ष्मण सिंह दानू, अधिशाषी अभियंता प्रताप सिंह बिष्ट, वरिष्ठ पत्रकार कैलाश खंडूड़ी और अन्य आगंतुकों का स्वागत करते हुए न्यास के सचिव सतेंद्र भण्डारी ने विश्वास दिलाया कि इस जलागम को एक नमूने के तौर पर विकसित किया जायेगा। जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर ने कहा कि इन चारों गाँवों की जलागम समितियों को समूह के रूप में गठित कर सभी लोगों को आजीविका से जोड़ा जाएगा। इसके लिए निर्देश दे दिए गए गए हैं। इस जलागम के बुनियादी निर्माण कार्यों को सम्पादित करने वाले अधिशासी अभियंता पी एस बिष्ट ने कहा कि इसकी सफलता पहाड़ों में वर्षा जल के संग्रहण में मील का पत्थर साबित होगी।

भौंसारी गधेरे के जलागम विकास कार्यक्रम को पूर्व जिलाधकारी मंगेश घिल्डियाल की स्वप्निल परियोजना बताते हुए जल संरक्षण-सम्वर्द्धन न्यास के प्रबंध निदेशक रमेश पहाड़ी ने कहा कि उन्हीं के प्रयासों से यह कार्यक्रम आगे बढ़ रहा है और आज के कार्यक्रम की आधारशिला भी उन्होंने ही रखी है। उन्होंने उत्तराखण्ड में सामाजिक कार्यों को प्रोत्साहित करने में जुटे हंस फाउंडेशन का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि जलागम कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए प्रत्येक को एक प्रेशर कुकर, एक कम्बल, एक शाल और साड़ी उनके द्वारा ही भेंट की गई है। उन्होंने बताया कि अगले चरण में भौंसारी गधेरे के निचले हिस्से में क्वीली से भटवाड़ी तक जलागम विकास की परियोजना स्वीकृत की गई है, जिस पर जल्दी ही कार्य आरम्भ कराने की माँग की गई। उन्होंने वन विभाग को इसमें सहयोग के लिए धन्यवाद भी ज्ञापित किया।

कार्यक्रम की अध्यक्ष देवेश्वरी देवी ने सभी आगंतुकों तथा विद्यालय परिवार का धन्यवाद ज्ञापित करते हए विश्वास दिलाया कि जलागम संरक्षण के कार्यों में सभी जलागम विकास समितियां पूरी निष्ठा से कार्य करेंगी और उसे एक बेहतर नमूने के रूप में प्रस्तुत करेंगी।

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