पिथौरागढ़ ।जिला के बौराण पट्टी के दस बारह गांवों की ये होली परम्परा प्राचीन काल से ही चली आ रही है। पिथौरागढ़ जिले के सबसे बढ़िया होली बौराण पट्टी ,गढतीर बेरीनाग की मानी जाती है।।
एकादशी के दिन सभी गांवों के। लोग मंदिर में जाकर चीर बांधते हैं उसके बाद बिधिवत रुप से होली का रंग एक दूसरे में डालते और अपनी मातृभूमि की परम्परा के हिसाब सफ़ेद कपड़े के साथ सभी टोली बनाकर होली गायन करते हैं।।
प्रताप सिंह नेगी समाजिक कार्यकर्ता ने बताया ये होली का कार्यक्रम छःदिनों तक होता है।13 मार्च को राजमंदिर में होली का शुभारंभ चीर बांधकर किया गया।इस होली की एक खास बात और जिस दिन होली का शुभारंभ किया जाता है उस दिन सफ़ेद कपड़े पहने जाते हैं।उन सफ़ेद कपड़ों में रंग छीटा जाता है।उन रंगीन कपड़ों छै दिन तक धोया नहीं जाता है ।जब 18 तारीख को छरडी होगी। छरडी के दिन होली कार्यक्रम का समापन होगा। अबीर गुलाल व राख गोबर से उसके बाद कपड़े भी धोये जायेंगे और नहाया धोया जायेगा। उसके अगले दिन सभी गांवों के लोगों के द्धारा जिस मंदिर में होली का शुभारंभ हुआ उस मंदिर में भंडारा आयोजित किया जाएगा।