अल्मोड़ा।कहते हैं कि यदि आपके पास कुछ करने का जुनून हो तो आसमा भी छोटा पड़ जाता है।ऐसे ही कार्य सामाजिक गतिविधियों में अपनी पूर्ण भागीदारी निभाती आशा कार्यकत्री हेमा भट्ट ने करके दिखाया है।उन्होंने उप पोषण समिति के पैसे का सही सदुपयोग करते हुए महिला ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए झिरकोट गांव व पतलचौरा गांव के लिए दो डोली बनायी।उनके इस कार्य की क्षेत्र के सामाजिक लोगों ने सराहना की ।
आपको बताते चलें कि पतलचौरा गांव व झिरोकोट गांव में चलने के लिए रास्ता नहीं रोड तो दूर की बात। हेमा भट्ट आशा कार्यकर्ती होने के साथ साथ एमए पास है ।महिला अपने आशा कार्यकर्ती के साथ साथ अपनी लिगगुडता ग्राम सभा में हमेशा समाज सेवा और अपने से गरीब परिवार के लोगों को और अपनी ग्राम सभा की महिलाओं के लिए हमेशा प्रयासरत रहती है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के द्बारा राष्ट्रीय ग्रामीण उप पोषण उपसमिति के लिए आशाओं को कुछ धन राशि विभाग ने स्वीकृत किया ताकि अपने अपने ग्राम सभा में साफ साफ का काम किया जाय। लेकिन हेमा भट्ट ने विभाग के द्बारा आया हुआ पैसा अपनी मातृभूमि की मात शक्ति की चिंता करते हुए झिरकोट गांव व पतलचौरा गांव के लिए दो डोली बनायी।।
रीठागाडी दगड़ियों संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रताप सिंह नेगी ने कहा कि जैसे हेमा भट्ट आशा कार्यकर्ती ने अपने ग्राम सभा के लिए डोली बनाकर अपनी मातृ शक्ति की चिंता व्यक्त की ऐसे ही और भी आशा कार्यकर्ती लोगों को ये अपना योगदान देना चाहिए।भैसियाना विकास खंड में एक पतलचौरा गांव व झिरकोट गांव के साथ ही और भी गांव है जहां डोली की जरूरत है।्