देहरादून। उत्तराखंड में लोक संगीत के प्रति कलाकारों के प्यार ने उत्तराखंड को संगीत की दुनिया में बहुत आगे बढ़ा दिया है। हर बार उत्तराखंड में गायकी से लेकर अन्य संगीत पटलों पर कुछ नया देखने को मिलता है। प्रदेश के युवा,युवती अपने अंदाज में कुछ अलग कर रहे है। ऐसे ही लोकगायिका रेखा रावत भी उन्हें में से एक हैं जो कि गढ़वाली गीतों में अलग अंदाज से ख़ासा पसंद की जा रही है।
मूल रूप से पौड़ी की रहने वाली रेखा रावत के पति प्राइवेट बुटिक का बिजैनस करते हैं । अपने परिवार के साथ वर्तमान में देहरादून हाथीबड़कला मे रहती है। रेखा ने 2020 से उत्तराखंड लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रतिभाग कर संगीत की दुनिया में कदम रखा।। रेखा लोकगायिका के द्बारा ये दो सालों में धार्मिक लोकगीत व उत्तराखंड के कल्चर संबंधित कई प्रकार की गीतों को अपना स्वर दिया ।रेखा रावत ने उपजाई यूट्यूब चैनल के द्बारा उत्तराखंड की कुमाऊं, गढ़वाल व जौनसारी लोक संस्कृति की विभिन प्रकार की गीत की प्रस्तुत दी।जिसे लोगों ने बहुत सराहा।रेखा ने अपनी गायिकी से दो सालों में अपनी लोकप्रियता से उत्तराखंड सांस्कृतिक मंच में एक अलग ही छाप छोड़ी है।
प्रताप सिंह नेगी समाजिक कार्यकर्ता का कहना है दो साल पहले रेखा रावत कोई नहीं जानता था।आज ये दो सालों में रेखा लोकगायिका ने उत्तराखंड में अपनी लोककला के जरिए अपना ही नहीं बल्कि उत्तराखंड राज्य की मात्र शक्ति का नाम रोशन किया है।लगन व मेहनत से काम करने वाले को हमेशा सफलता मिलती है।