देहरादून। उत्तराखंड में सरकार निवासी के रूप में उपयोग में लाई जाने वाली नारकोटिक और सांस्कृतिक दवाओं का स्टॉक तय कर दिया है अब मेडिकल स्टोर इन दवाओं की बिक्री मनमाने तरीके से नहीं कर पाएंगे होलसेल रिटेलर को तय मात्रा से अधिक दवा रखने की इजाजत नहीं होगी और उन्हें बकरी का हिसाब भी रखना होगा
ड्रग कंट्रोलर की ओर से जारी आदेश में कुल 13 दवाओं का स्टॉक तय किया गया है इसमें अल्प्राजोलम ट्रामाडोल ट्रामाडोल इंजेक्शन कोड इन पेंसिल डायजेपाम डायजेपाम इंजेक्शन लोनाजीप आवाजोनिक ने जापान जापान इंजेक्शन सहित कुल 15 दवाओं को इस श्रेणी में शामिल किया गया है इन दवाओं का नया स्टॉक तभी मंगाया जा सकेगा जब पहले का उपयोग हो गया हो और उसकी उपयोग की पूरी जानकारी दे दी जाए रिटेल रिटेल की दवा विक्रेता इन दवाओं की अब 10 से 15 और 20 के करीब रख देंगे
इन दवाओं का उपयोग बड़ी मात्रा में नशे के रूप में किए जाने की शिकायत मिलने के बाद राज्य के ड्रग कंट्रोलर की ओर से आदेश किए गए हैं ड्रग कंट्रोलर पासवर्ड सिंह जग्गी ने बताया कि मानसिक बीमारियों एंजाइटी डिप्रेशन मिर्गी और दर्द निवारक के रूप में उपयोग में लाई जाने वाली कई ऐसी दवाएं हैं इनको लोग नशे के रूप में इस्तेमाल करते हैं
हाल ही में मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू की अध्यक्षता में हुई ना कोड की बैठक में इन दवाओं का स्टॉक सीमित करने के निर्देश दिए गए थे इसके बाद अब सुंदर में आदेश जारी कर दिए गए हैं उन्होंने बताया कि राज्य में आपको भी मेडिकल स्टोर तय सीमा से अधिक दवाओं का स्टॉक नहीं रख सकता कोई ऐसे करते हुए पाया गया तो लाइसेंस निरस्त करने के साथ ही अन्य कार्यवाही भी की जाएगी