देहरादून राज्य गठन के बाद से उत्तराखंड की लचर स्वास्थ्य सुविधाओं की वजह से खुले में प्रसव के दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं ।इन शर्मनाक हालत में कई बार जच्चा-बच्चा की मौत की दुखद घटनाएं भी हुई है। कुछ दिन पहले हल्द्वानी में अस्पताल कर्मियों ने गर्भवती महिला का जगह देने से इंकार कर दिया नतीजतन गर्भवती महिला को अस्पताल के गेट के बाहर विपरीत परिस्थिति में प्रसव करना पड़ा। इस झकझोरने वाले घटनाक्रम का मीडिया में शोर होने के बाद विभाग को स्वास्थ्य कर्मियों का निलंबन करना पड़ा। इससे पूर्व खुले में प्रसव की घटनाएं सुर्खियों में रही है।
उत्तराखंड के कई नगरी व ग्रामीण इलाके के बदहाल अस्पतालों में प्रसव की उचित सुविधा ही नहीं है ।नतीजतन गर्भवती महिलाओं को मीलों पैदल चल किसी बेहतर स्थान की ओर रुख करना पड़ता है। बहराल स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बुधवार को आला अधिकारियों की मौजूदगी में विभाग की समीक्षा बैठक में कुछ फैसले लिए ।
बैठक में शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की बात सामने आई ।तय किया गया कि गर्भवती महिलाओं को आशाओं के माध्यम से सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने के लिए प्रेरित किया जाएगा ।इस अभियान को सफल बनाने के लिए नर्सिंग स्टाफ के माताओं को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं एवं पौष्टिक आहार के बारे में भी जागरूक किया जाएगा। संस्थागत प्रसव को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए प्रदेशभर के नर्सिंग स्टाफ को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि प्रदेश में वर्तमान शिक्षा मित्र को न्यूनतम किया जा सके।
इसके साथ ही जिला चिकित्सालय ओं एवं मेडिकल कॉलेजों में 343 पिक्कू वार्ड एवं 119 को निक्कू वार्ड की स्थापना की जा रही है ।जहां पर नवजात शिशुओं को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होने पर तत्काल बेहतर उपचार दिया जा सके। उन्होंने राज्य में वर्तमान शिशु मृत्यु दर को प्रति 1000 पर 27 से घटाकर इकाई के अंक में लाने के लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए।
इसके साथ ही प्रदेश को वर्ष 2024 तक टीवी मुक्त करने के लिए 16 अगस्त से आगामी 15 दिनों तक जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा ।विभाग अधिकारियों को इस संबंध में कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दे दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने राज्य को वर्ष 2024 तक टीवी मुक्त करने के लिए विशेष जागरूकता कार्यक्रम चलाने के निर्देश भी दिए ।उनके तहत आगामी 16 अगस्त से एक पखवाड़े तक प्रदेश में टीवी के प्रति जनजागरूकता अभियान चलाने के साथ ही टीवी रोगियों की पहचान भी की जाएगी।
बैठक में प्रदेश भर में स्वीकृत 115 अर्बन हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर की स्थापना संबंधी कार्य प्रगति की समीक्षा की। जिसमें अधिकारियों ने बताया कि 15वें वित्त आयोग के तहत प्रदेश भर में 115 अर्बन हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर 23 पॉली क्लिनिक स्वीकृत किए हैं जिनकी स्थापना के लिए 81 करोड़ 56 लाख की धनराशि स्वीकृत कर टेंडर की प्रक्रिया गतिमान है ।
बैठक में सचिव स्वास्थ्य राधिका झा, अपर सचिव स्वास्थ्य मिशन, निदेशक राजेश कुमार ,महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ आशीष श्रीवास्तव ,महानिदेशक स्वास्थ्य शैलजा भट्ट, अपर सचिव अमनदीप कौर, अपर निदेशक अशोक पांडे निदेशक एनएचएम सरोज नैथानी ,निदेशक डॉ मीतू शाह सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।