
देहरादून।कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज अपने शासकीय आवास पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, उच्च शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा, संस्कृत शिक्षा और सहकारिता विभागों के बजट के आय-व्यय की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को शत-प्रतिशत बजट खर्च करने के निर्देश दिए और कम बजट खर्च करने वाले अधिकारियों को फटकार भी लगाई। बैठक में वर्तमान वित्तीय वर्ष के आय-व्यय के साथ आगामी वित्तीय वर्ष के लिए भी सभी विभागों को जनसामान्य से जुड़ी नई योजनाओं के तीन-तीन प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए।
समीक्षा बैठक में राज्य सेक्टर से प्राप्त बजट के साथ ही केंद्रीय वित्त पोषित योजनाओं की भी समीक्षा की गई, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं अन्य केंद्र पोषित योजनाएं शामिल रहीं। इसी प्रकार उच्च शिक्षा में पीएम-उषा योजना के तहत प्राप्त बजट की समीक्षा की गई, जबकि विद्यालयी शिक्षा में समग्र शिक्षा, पीएम-श्री स्कूल एवं आवासीय विद्यालयों की वित्तीय स्थिति का विश्लेषण किया गया। बैठक में डॉ. रावत ने आगामी बजट को लेकर अधिकारियों को योजनाओं की प्राथमिकताओं और बजट प्रावधानों के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इस समीक्षा बैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, सचिव उच्च शिक्षा रणजीत सिन्हा, सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक गैरोला, निबंधक सहकारिता सोनिका, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा झरना कमठान, अपर सचिव वित्त अमित जोशी, अपर सचिव शिक्षा एम. एम. सेमवाल, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अंजू अग्रवाल, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, प्रभारी स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा, निदेशक संस्कृत शिक्षा आनंद भारद्वाज सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान डॉ. रावत ने अधिकारियों को यह भी हिदायत दी कि बजट के प्रभावी उपयोग को प्राथमिकता दी जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंचे। उन्होंने स्पष्ट किया कि बजट का सही उपयोग न करने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बैठक में विभागीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और बजट प्रावधानों को लेकर विस्तृत चर्चा हुई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि सरकार प्रदेश की शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।