पौड़ी ।जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने शनिवार को तहसील चौबट्टाखाल का निरीक्षण किया, जिसमें उन्होंने तहसील कार्यालय की विभिन्न पटल व्यवस्थाओं और राजस्व वादों का गहन समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान कई खामियां पाई गईं, जिन पर जिलाधिकारी ने तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने राजस्व पुलिस वादों की जांच करते हुए पाया कि कई मामलों में फाइनल रिपोर्ट (एफआर) दर्ज हो चुकी थी, लेकिन कुछ मामलों में स्थिति स्पष्ट नहीं थी। उन्होंने चोरी से संबंधित एक राजस्व वाद की जांच की, जिसमें ग्राम गोंदिया पट्टी कोलागाड निवासी बलबीर सिंह रावत द्वारा दर्ज कराए गए मामले में राजस्व उपनिरीक्षक की लापरवाही पाई गई। इस पर जिलाधिकारी ने उस उपनिरीक्षक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए। साथ ही, गोंदिया गांव की पहरी द्वारा चोरी की सूचना को तहसील तक समय पर न भेजने पर उसे पद से हटाने का भी आदेश दिया।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने तहसील के लंबित मामलों की समीक्षा की। उन्होंने पाया कि 21 संदर्भ लंबित थे, जिनका समय पर निस्तारण नहीं किया गया था। इसके लिए जिलाधिकारी ने एसडीएम को संबंधित कानूनगो के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश दिए। साथ ही, लंबित मामलों पर ढिलाई बरतने वाले कनिष्ठ सहायक को चेतावनी जारी की गई। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सभी लंबित मामलों का नायब तहसीलदार स्तर पर निस्तारण कर उसकी सूचना पंजिका में दर्ज की जाए और प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाए।
तहसील कार्यालय के स्थापना कक्ष में जीपीएफ और एनपीएस की अधूरी एंट्री और पासबुक सत्यापन न होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई। उन्होंने तहसील के कार्मिकों को अपनी कार्यशैली में सुधार लाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कंप्यूटर खाता-खतौनी की नकल संबंधी भूलेख कंप्यूटर कक्ष का भी निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि एक खतौनी की प्रिंट निकलवाने के दौरान कंप्यूटर में 7 पेज दिखाई दे रहे थे, लेकिन प्रिंट निकलने पर 15 पेज का डेटा मिला। इस संदिग्ध स्थिति पर जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी को जांच अधिकारी नामित करते हुए मामले की जांच करने के आदेश दिए।
इसके अलावा, आपदा राहत और बचाव उपकरणों की जांच के दौरान वे उपकरण डिस्चार्ज और अक्रियाशील अवस्था में पाए गए। प्रोक्योरमेंट नियमावली का सही अनुपालन नहीं होने और निर्वाचन सामग्री को स्टॉक पंजिका में दर्ज न करने पर संबंधित अधिकारियों को चेतावनी दी गई। जिलाधिकारी ने आपदा संबंधी सभी उपकरणों को चार्ज और सक्रिय अवस्था में रखने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने तहसील कारागार का भी निरीक्षण किया, जहां गंदगी और हानिकारक वस्तुएं पाई गईं। उन्होंने तुरंत सफाई करवाने और हानिकारक वस्तुओं को हटाने के निर्देश दिए।
अंत में, उन्होंने उपजिलाधिकारी को निर्देशित किया कि राजस्व, फौजदारी वादों सहित जेडएएलआर और पीपी एक्ट के मामलों को समय पर निस्तारित किया जाए। निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि राजस्व उप निरीक्षकों के 19 पदों में से 8 पद रिक्त हैं। जिलाधिकारी ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सभी वादों का समय पर निस्तारण हो।
इस अवसर पर एसडीएम अनिल कुमार चन्याल, तहसीलदार दिवान सिंह राणा, नायब तहसीलदार करिश्मा जोशी सहित अन्य राजस्व कर्मी भी उपस्थित थे।