रूद्रप्रयाग।देवरियाताल-चोपता ट्रैक पर जंगल में भटककर घायल हुए तीन यात्रियों को संयुक्त टीम ने साहसिक प्रयासों से रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई। जिला नियंत्रण कक्ष को 20 जनवरी 2025 को सूचना मिली थी कि उषाड़ा (देवरियाताल) के पास जंगल में आग लगी हुई है और कुछ लोग वहां फंसे हुए हैं। सूचना पर फायर स्टेशन रतूड़ा से टीम तुरंत घटनास्थल के लिए रवाना हुई। घटनास्थल दुर्गम पहाड़ी इलाके में मुख्य सड़क से काफी दूर था, जिस कारण फायर वाहन वहां नहीं पहुंच सका। टीम ने रोप, फर्स्ट एड किट और अन्य रेस्क्यू उपकरणों के साथ पैदल यात्रा करते हुए सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
लगभग 8-9 किमी के कठिन पहाड़ी मार्ग पर सर्च अभियान चलाने के बाद तीन घायल यात्रियों – नमन यादव (निवासी आगरा, उत्तर प्रदेश), समीर कुमार (निवासी भागलपुर, बिहार) और अदिराम सिंह चौहान (निवासी राजस्थान) को सुरक्षित बाहर निकाला गया। प्राथमिक उपचार के बाद इन घायलों को 108 एम्बुलेंस के माध्यम से अस्पताल पहुंचाया गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन के साथ ही जंगल में लगी आग को भी काबू में किया गया। टीम ने बीटिंग मैथड का उपयोग कर आग बुझाई, जो तेजी से फैल रही थी और स्थिति को और गंभीर बना सकती थी। धुआं और आग की वजह से इलाके में कठिनाइयां बढ़ रही थीं, लेकिन टीमों के त्वरित प्रयासों से स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया।
इस साहसिक ऑपरेशन में एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, वन विभाग और फायर स्टेशन रतूड़ा की टीमों ने मिलकर बेहतरीन समन्वय दिखाया। उनकी त्वरित कार्रवाई और सूझबूझ ने न केवल तीन लोगों की जान बचाई बल्कि जंगल की आग को भी फैलने से रोक दिया। यह ऑपरेशन आपदा प्रबंधन और टीम वर्क का उत्कृष्ट उदाहरण है।