देहरादून। सुप्रीम कोर्ट ने राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक के रूप में विवादास्पद नियुक्ति पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को कड़ी फटकार लगाई है। न्यायमूर्ति बीआर गवई, प्रशांत कुमार मिश्रा और केवी विश्वनाथन की पीठ ने इस मामले में मुख्यमंत्री के कार्यों पर गंभीर सवाल उठाए, और सार्वजनिक विश्वास सिद्धांत के महत्व को रेखांकित किया।
कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने इसे मुख्यमंत्री के सलाहकारों की गलत दिशा का नतीजा बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने दो बार प्रचंड बहुमत मिलने के बाद निर्णय लेने का विवेक खो दिया है। दसौनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की इस फटकार से सभी नेताओं को सबक लेना चाहिए कि लोकतंत्र में जनता के विश्वास के तहत काम किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने इस नियुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री के विवेक पर सवाल उठाया, खासकर जब उसी अधिकारी को पहले अवैध पेड़ काटने के आरोप में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से हटाया गया था। अदालत ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री होने का मतलब तानाशाही करने का अधिकार नहीं है।