
देहरादून।दून पुलिस ने एक अंतर्राज्यीय ठग गिरोह का पर्दाफाश करते हुए गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। ठगों ने भोले-भाले लोगों को लिफ्ट देने के बहाने ठगी की दो घटनाओं को अंजाम दिया। पुलिस ने उनके कब्जे से ठगी गई ज्वेलरी और नगदी बरामद की है। साथ ही, घटना में प्रयुक्त वाहन को भी सीज कर लिया गया है।
ठग लोग बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों के पास खड़े भोले-भाले यात्रियों को गाड़ी में लिफ्ट देकर विश्वास में लेते थे। उत्तराखंड की गढ़वाली भाषा का इस्तेमाल कर वे लोगों से बातचीत करते और उनका भरोसा जीतते थे। ठग लिफाफे में पैसे और गहने रखने को कहते थे और फिर कागज से भरा लिफाफा बदलकर उन्हें वापस कर देते थे।
खिलानंद नोटियाल, निवासी उत्तरकाशी, ऋषिकेश बस अड्डे से उत्तरकाशी जाने वाली बस का इंतजार कर रहे थे। एक बुजुर्ग व्यक्ति ने उन्हें लिफ्ट दी और 18,000 रुपये लिफाफे में रखने को कहा। बाद में जब उन्होंने लिफाफा खोला, तो उसमें कागज के टुकड़े निकले।
चैतूराम और उनकी पत्नी ऋषिकेश बस अड्डे से अपने गांव जाने के लिए गाड़ी का इंतजार कर रहे थे। ठगों ने उन्हें अपनी गाड़ी में लिफ्ट दी और 43,000 रुपये और सोने की माला लिफाफे में रखवाकर ठगी की। बाद में उन्हें रास्ते में उतार दिया गया और लिफाफे में कागज भरे मिले।
घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और 100-120 कैमरों की जांच की। 13 सितंबर 2024 को पुलिस ने एसओजी की मदद से खांडगांव अंडरपास के पास से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से नगदी, ज्वेलरी और घटना में प्रयुक्त स्विफ्ट कार (UP75N4608) बरामद हुई।
ठगों ने बताया कि वे लोगों को विश्वास में लेकर उनसे पैसे और गहने लिफाफे में रखवाते थे और फिर कागज से भरा लिफाफा वापस कर देते थे।