देहरादून। उत्तराखंड में राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है, जब सत्ताधारी पार्टी के दो विधायकों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मामला सिंचाई विभाग में हुए ट्रांसफर-पोस्टिंग घोटाले का है, जिस पर इन विधायकों ने गंभीर सवाल उठाए हैं। इस घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है और विपक्ष को सरकार पर हमला करने का एक और मौका दे दिया है।
उत्तराखंड कांग्रेस सोशल मीडिया के प्रदेश अध्यक्ष, विकास नेगी, ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बेहद शर्मनाक स्थिति है कि बीजेपी के विधायक ही अपनी सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर मजबूर हो गए हैं। उन्होंने कहा, “इससे स्पष्ट होता है कि सरकार में घोटाले और भ्रष्टाचार किस हद तक फैले हुए हैं। जब खुद सत्ताधारी पार्टी के सदस्य सरकार के खिलाफ खड़े हो रहे हैं, तो यह जनता के सामने सरकार की नाकामी का सबसे बड़ा सबूत है।”
विकास नेगी ने आरोप लगाया कि सिंचाई विभाग में हुए ट्रांसफर-पोस्टिंग घोटाले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अनियमितताएं हुई हैं, जिससे राज्य के विकास कार्य बाधित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियाँ न केवल सरकार की साख को प्रभावित करती हैं, बल्कि आम जनता के विश्वास को भी हिलाती हैं। कांग्रेस इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करेगी।
विकास नेगी ने यह भी कहा कि जब सरकार के भीतर से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई जा रही है, तो यह स्थिति और भी चिंताजनक हो जाती है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ एकजुट हों और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करें। कांग्रेस जनता के साथ मिलकर इस मामले को उजागर करेगी और दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करेगी।
इस पूरे घटनाक्रम ने बीजेपी सरकार की छवि को झटका दिया है और विपक्ष को एक मजबूत हथियार दिया है। आगामी दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस स्थिति से कैसे निपटती है और क्या कार्रवाई करती है।