
देहरादून। दून विश्वविद्यालय में सोमवार से शुरू हुए उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत छात्रों को महत्वपूर्ण उद्यमिता कौशल प्रदान किया जा रहा है, जिससे वे नवाचार को बढ़ावा देने और सतत व्यवसाय स्थापित करने के लिए तैयार हो रहे हैं। यह कार्यक्रम देवभूमि उद्यमिता योजना, उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखंड सरकार के तहत भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान, अहमदाबाद के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य उत्तराखंड में अगली पीढ़ी के उद्यमियों को तैयार करना है।
मुख्य अतिथि प्रो. राजेंद्र पी. ममगाईं ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि उद्यमिता आत्मनिर्भरता और आर्थिक विकास की कुंजी है। ऐसे कार्यक्रम न केवल छात्रों को नवाचार के लिए प्रेरित करते हैं, बल्कि उन्हें अपने विचारों को वास्तविकता में बदलने के लिए आवश्यक ज्ञान और मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं। उत्तराखंड में अपार संभावनाएं हैं, और इस तरह के प्रयास इसे उद्यमिता का केंद्र बनाने में सहायक होंगे।
दून विश्वविद्यालय में देवभूमि उद्यमिता योजना के नोडल अधिकारी प्रो. सुधांशु जोशी ने व्यावहारिक शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह उद्यमिता विकास कार्यक्रम सैद्धांतिक ज्ञान और वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोग के बीच की खाई को पाटने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इंटरैक्टिव सत्रों, केस स्टडीज और मेंटरशिप के माध्यम से छात्रों में आत्मविश्वास विकसित करने और उन्हें उद्यमिता की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया जा रहा है।
कार्यक्रम में व्यवसाय विचार उत्पत्ति, वित्तीय प्रबंधन, विपणन रणनीतियाँ, डिजिटल उपकरण और सरकारी सहायता योजनाओं पर गहन चर्चा की जा रही है। विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ छात्रों के साथ संवाद कर रहे हैं और उन्हें बाजार प्रवृत्तियों तथा स्टार्टअप सफलता की कहानियों से अवगत करा रहे हैं।
दून विश्वविद्यालय में आयोजित यह उद्यमिता विकास कार्यक्रम, देवभूमि उद्यमिता योजना और भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसके तहत युवाओं में उद्यमशील मानसिकता को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। संरचित मार्गदर्शन, नेटवर्किंग अवसरों और वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के संपर्क में लाकर यह पहल उत्तराखंड में एक जीवंत स्टार्टअप इकोसिस्टम की नींव रख रही है।