देहरादून।शासन ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन विभाग में अवैध निर्माण,अनियमितता, लापरवाही और और पेड़ों की अवैध कटान प्रकरण में सीटीआर के निदेशक राहुल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है । जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है।
शासन ने पत्र के माध्यम से निदेशक को कार्बेट नेशनल पार्क के अन्तर्गत कंडी रोड निर्माण, गोरघट्टी तथा पाखरो वन विश्राम गृह परिसर में भवनों का निर्माण, पाखरो वन विश्राम गृह के समीप जलाशय का निर्माण, पाखरो में प्रस्तावित टाईगर सफारी में वृक्षों के अवैध पातन तथा भारतीय वन अधिनियम, 1927, वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 तथा वित्तीय नियमों के उल्लंघन के संबंध में प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ). उतराखण्ड, देहरादून द्वारा पत्रांक-948(ii). दिनांक 27.12.2021 तथा पत्रांक-1002, दिनांक 12.01.2022 के माध्यम से गठित पांच सदस्यीय समिति द्वारा प्रस्तुत संलग्न विस्तृत तथ्यात्मक रिपोर्ट दिनांक 07.02.2022 का सन्दर्भ देते हुए अवगत कराया कि उक्तानुसार गठित पांच सदस्यीय समिति द्वारा प्रस्तुत उक्त जांच आख्या में कण्डी रोड निर्माण, मोरघट्टी तथा पाखरो वन विश्राम गृह परिसर में भवनों का निर्माण, पाखरो वन विश्राम गृह के समीप जलाशय का निर्माण तथा पारी में प्रस्तावित टाइगर सफारी में वृक्षों के अवैध पातन के संबंध में गंभीर प्रशासनिक, वित्तीय विधिक एवं आपराधिक अनियमिततायें परिलक्षित हुई हैं।
उक्त के संबंध में अवगत कराया जाना है कि आप उक्त घटनाक्रम की अवधि तथा वर्तमान में निदेशक, कार्बेट टाइगर रिजर्व, रामनगर, नैनीताल के पद पर कार्यरत हैं। प्रकरण के समय में प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ). उत्तराखण्ड, देहरादून द्वारा गठित पांच सदस्यीय समिति द्वारा प्रस्तुत उक्त विस्तृत तथ्यात्मक रिपोर्ट दिनांक 07. 02.2022 के क्रम मे प्रदत्त संस्तुति के आधार पर आपके द्वारा FCA में निर्गत स्टेज-1 एवं स्टेज-2 के स्वीकृतियों के अन्तर्गत निर्गत शर्तों का अनुपालन केन्द्रीय चिडियाघर प्राधिकरण द्वारा सैद्धान्तिक स्वीकृति की काथा टाइगर पैशन प्लान का मिड टर्म रिव्यू कराये जाने हेतु एन०टी०सी०ए० को प्रस्ताव प्रेषित किये जाने संबंधी कार्यों में प्रभावी योगदान न करने एवं लापरवाही बरतना परिलक्षित है। आपका यह कृत्य अखिल भारतीय सेवायें (आधरण) नियमावली, 1968 के विरुद्ध है।
उपरोक्त वर्णित तथ्यों के दृष्टिगत आपका यह कृत्य अखिल भारतीय सेवायें (आचरण) नियमावली, 1968 के विरूद्ध है। अतएव क्यों न आपके विरूद्ध अखिल भारतीय सेवाये (अनुशासन एव अपील) नियमावली, 1969 के प्राविधानों के अन्तर्गत अनुशासनिक कार्यवाही प्रचलित की जाये।
अतः इस संबंध में मुझे यह कहने का निर्देश हुआ है कि उक्तानुसार गठित पांच सदस्यीय समिति द्वारा प्रस्तुत उक्त आंध आख्या दिनांक 07.02. 2022 एवं प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ). उत्तराखण्ड, देहरादून द्वारा उका आख्या पर प्रदत्त संस्तुति तथा उक्त वर्णित तथ्यों के क्रम में उक्त प्रस्तर-3 के संबंध में अपना स्पष्टीकरण प्रमुख वन संरक्षक (HOFF). उत्तराखण्ड देहरादून के माध्यम से इस कारण बताओ नोटिस की प्राप्ति की तिथि से विलंबतम् 15 दिनों के भीतर शासन को उपलब्ध कराने का कष्ट करें। यदि आपके द्वारा निर्धारित समयान्तर्गत स्पष्टीकरण उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो यह समझा जायेगा कि आप उक्त तथ्यों के संबंध में कोई स्पष्टीकरण / प्रत्युत्तर प्रस्तुत नहीं करना चाहते हैं एवं तदनुसार प्रकरण में गुणावगुण के आधार पर विचार कर अपेत्तर आपके विरूद्ध अखिल भारतीय सेवायें (आचरण) नियमावली, 1968 व अन्य सुसंगत नियमावलियों आदि में विहित प्राविधानों के अन्तर्गत यथोचित प्रशासनिक, वैधानिक, अनुशासमात्मक आदि कार्यवाही प्रारम्भ कर दी जायेगी।