परमार्थ निकेेतन ने कराटे एवं ग्रैपलिंग खिलाड़ियों को किया सम्मानित

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ऋषिकेश।देवभूमि खबर। परमार्थ निकेेतन में कराटे और ग्रैपलिंग खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया और प्रमाण-पत्र वितरित किये गये। ऋषिकेश शहर में परमार्थ निकेतन द्वारा युवाओं को आत्मरक्षा, खेलों के माध्यम से शरीर और मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिये कराटे की कक्षाओं का संचालन विगत 20 वर्षो से किया जा रहा है। समय समय पर कराटे केन्द्र में प्रशिक्षण लेने वाले प्रतिभागियों ने अनेक राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर कई पदक जीतकर उत्तराखण्ड राज्य का नाम रोशन किया है। इस विद्यालय के प्रतिभागी अन्य स्थानों और सरकारी स्तर पर भी कराटे क्लासेस ले रहे है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि कई वर्ष पहले एक बीज बोया था अब यह समर्पण, अनुशासन और अपनेपन के भाव से विराट वृक्ष बन गया है। इस केन्द्र में शिक्षा प्राप्त कर रहे हमारे बच्चों ने हमारे राज्य और देश का नाम रोशन किया है उन सभी बच्चोेें को बहुत साधुवाद। कराटे सीखने का तात्पर्य है कि समाज की व्यवस्था ठीक प्रकार से चलती रहे इसलिये इसकी शक्ति का उपयोग करेंगे। उन्होने बच्चों को समझाते हुये कहा कि जिसप्रकार भारत ने आज तक किसी पर आक्रमण नहीं किया और यदि किसी ने आक्रमण किया तो उसे मुहंतोड़ जवाब दिया। कराटे से प्राप्त होने वाला संदेश भी यही है कि पहले किसी पर अटैक नहीं करना परन्तु अगर कोई अटैक करे तो अपनी रक्षा करना। हमें आक्रामक नहीं होना है पर अपनी सुरक्षा करनी है। स्वामी जी ने कहा कि जो अटैक करते है वह बहकते है और जो अटैक नहीं करते वह महकते है। कराटे एक आत्मानुशासन की विद्या हैय स्व नियंत्रण की विद्या है।
जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि मैं जब आठ वर्ष की थी तब मैने कराटे सीखना शुरू किया और जब 15 वर्ष की हुई तब मैंने ब्लेक बेल्ट प्राप्त किया। कराटे आत्मसुरक्षा और किसी और की सुरक्षा के लिये बहुत जरूरी है। कराटे से हम ऐसी शक्ति प्राप्त कर लेते है कि हम अपनी और अपनों की सुरक्षा कर सकते है। कराटे की विद्या किसी को अटैक करने के लिये नहीं होती बल्कि वह तो स्व सुरक्षा एवं पर से रक्षा के लिये होती हैै। कराटे हमें जीवन में अनुशासन सिखाता है इसप्रकार हम कराटे में ध्यान, एकाग्रता, प्राणायाम के महत्व को भी सीखते है।
इस संस्थान के प्रतिभागी 2 व 4 जनवरी 2020 को दिल्ली में होने वाली अन्तर्राष्ट्रीय ग्रैपलिंग प्रतियोगिता में प्रतिभाग हेतु जा रहे है उन प्रतिभागियों ने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी का आशीर्वाद लिया। कराटे टीम के कोच श्री विश्वनाथ राजपूत ने बताया कि सीनियर पुरूष वर्ग से नवीन रयाल, जूनियर से ओम अनुज कुड़ियाल, भवि गोयल, कृष्णा कण्डारी, अर्जुन कण्डारी, गुरूप्रताप सिंह, तनुज खट्टर, कृतिका गोयल, समर्थ सेमवाल प्रतिभाग कर रहे है। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कोच श्री विश्वनाथ राजपूत और बेल्ट कराटे में परीक्षा में उत्तीर्ण प्रतिभागी अनुराग भद्री, हर्षपाल, नवीन रयाल, अभ्युदय रावत, रवि गोयल, कनिका, मानसी, दिव्यांशु, स्नेहा, स्मृति, अक्षरा, आर्यन, सुमित, अभिषेक, ध्रव, कृष्णा को प्रमाणपत्र भेंट किये गये। इस अवसर पर मदन मोहन शर्मा, जगमोहन जग्गा, आर के दीक्षित, शिक्षिका सरोज शर्मा, लक्की सिंह, भगत सिंह और अन्य अभिभावक और प्रतिभागी उपस्थित रहे।

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