वेद मंत्र और शंख ध्वनि से दिव्य स्वागत
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में राज्यपाल उत्तरप्रदेश श्रीमती आनंदीबेन पटेल पधारी। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने पुष्प वर्षा, वेद मंत्रों और शंख ध्वनि से उनका दिव्य स्वागत किया।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और राज्यपाल उत्तरप्रदेश श्रीमती आनंदीबेन पटेल भेंटवार्ता हुई। तत्पश्चात समसामयिक विषयों पर विस्तृत चर्चा करते हुये परमार्थ निकेतन आश्रम और योग विलेज का भ्रमण किया।स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज के पावन सान्निध्य में श्रीमती आनन्दी बेन पटेल ने विश्व विख्यात गंगा आरती में सहभाग किया।
इस अवसर पर जीवन कौशल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के अंतर्गत युवाओं और महिलाओं के लिये संचालित सरकारी योजनाओं की मार्गदर्शिका, माहवारी स्वच्छता प्रबंधन, लैगिक समानता – धार्मिक परिदृश्य में, यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और द गर्ल पावर प्रोजेक्ट विषयों पर बनी पुस्तकों का प्रजेन्टेशन राज्यपाल के करकमलों से किया गया।
ज्ञात हो कि ऋषिकेश शहर के चारों समुदाय-काले की ढ़ाल, खारास्रोत, चन्द्रेश्वर नगर और मायाकुण्ड के किशोर-किशोरियों को ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस (जीवा) और यूनाइटेड नेशन पॉपुलेशन फंड (यूएनएफपीए) के संयुक्त तत्वाधान में विगत सितम्बर, 2020 से जीवन कौशल प्रशिक्षण प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसके वीडियो व शार्ट फिल्मों का अवलोकन आज माननीय राज्यपाल महोदया जी ने किया।
राज्यपाल उत्तरप्रदेश श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने कहा कि नवरात्रि के पावन पर्व पर आज इस दिव्य गंगा तट पर आकर अत्यंत शान्ति का अनुभव हो रहा है। पावन गंगा आरती, परमार्थ निकेतन का सुरम्य वातावरण और पूज्य स्वामी जी का सान्निध्य मुझे प्रयागराज कुम्भ मेला की याद दिला रहा है।
इस अवसर ऋषिकेश शहर के चार समुदायों के बच्चों और युवाओं के लिये ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस और यूएनएफपीए के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित जीवन कौशल प्रशिक्षण लेने वाले बच्चे और उनके माता-पिता को देखकर अत्यंत प्रसन्न हूँ। वास्तव में मैं परमार्थ गंगा तट पर बदलते भारत की एक सुन्दर तस्वीर देख रही हूँ। इन बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिये मेरी शुभकामनायें।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने नवरात्रि के पावन अवसर पर राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल का अभिनन्दन करते हुये कहा कि आज हम सभी को दुर्गा शक्ति और नारी सशक्तिकरण का जीवंत स्वरूप के रूप में राज्यपाल जी का पावन सान्ध्यि प्राप्त हो रहा है, यह हम सभी के लिये गौरव का विषय है।
पूज्य स्वामी ने समुदायों में चल रहे जीवन कौशल प्रशिक्षण के विषय में जानकारी देते हुये कहा कि जीवन कौशल शिक्षा जीवन भर चलने वाली एक प्रक्रिया है। यह व्यक्तित्व विकास और जीवन की परिपक्वता के लिये अत्यंत आवश्यक है। यह आन्तरिक शक्ति को मजबूत करने के स्रोतों को खोजती है तथा स्वयं को समझने व सहयोग करने में भी मदद करती है। यह युवाओं के समग्र विकास और सशक्तिकरण के लिए आवश्यक है। इसके माध्यम से विभिन्न धर्मो के धर्मगुरूओं के संदेशों के साथ युवाओं को जीवन कौशल प्रशिक्षण, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता, लैगिक समानता, माहवारी स्वच्छता प्रबंधन, यौन शिक्षा के विषय में जागृत किया जा रहा है ताकि उनके जीवन की नींव को मजबूत किया जा सके।
राष्ट्रगान के साथ आज के कार्यक्रम का समापन हुआ।