देहरादून।उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान 2 अक्टूबर 1994 को हुये रामपुर तिराहा कांड की 27 वीं बरसी पर समूचा उत्तराखंड अपने शहीदों को नमन कर रहा है।उत्तराखंड क्रांतिदल के अद्य्यक्ष श्री काशी सिंह ऐरी तथा उनके साथ वरिष्ठ पदाधिकारियों और सैकड़ों कार्यकर्ताओ ने रामपुर तिराहा पँहुच कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर श्री ऐरी ने कहा कि उत्तराखंड की जनता कभी भी इन शहीदों की शहादत को नही भूल सकती है। गांधी जी के अहिंसा वादी रास्ते पर चल रहे आंदोलन को तत्कालीन मुलायम सरकार ने बन्दूक की नोक पर कुचलने का कुचक्र रचा जिसमे कई लोग शहीद होगये थे और सैकड़ों घायल हो गए थे। आंदोलन में गयी महिलाओं के साथ अत्याचार किया गया । रामपुर तिराहा कांड की सी बी आई जांच की गई और तत्कालीन डीएम व एस एस पी तथा कई पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमें किये गए लेकिन आज तक इक को भी देश की सर्बोचच संस्था सी बी आई दोषी साबित नही करा पाई। दोषियों को सजा न मिलना भी उत्तराखंड के जन मानस के साथ एक धोखा है।
इतने वर्ष व्यतीत होने के बाद भी आज क्या शहीदों का सपना पूरा हो पाया है? जिस उत्तराखंड की कल्पना शहीदों ने की थी वो आज तक भी नही हो पाया है। श्री ऐरी ने कहा कि रामपुर तिराहा कांड के एक भी दोषी को सजा न मिलने में सबसे ज्यादा दोषी भाजपा और कांग्रेस सरकारें रही है।भाजपा के शासन काल मे तो दोषी अधिकारियों को सजा के बजाय प्रमोशन देकर नवाजा गया। शहीदों के सपने अनुसार उत्तराखंड बनाने में दोनों पार्टियां नकारा साबित हुई हैं। उन्होंने कहा कि शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब उत्तराखंड की शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, पलायन की समस्या दूर होंगी।लेकिन सत्ताधारी पार्टियां कभी भी उत्तराखंड की इन समस्याओं के प्रति संवेदनशील नही रही है। इसलिए अब उक्रांद ही उनके सपनों को साकार करेगा।
इस अवसर पर दल के संरक्षक बी डी रतूडी,एपी जुयाल,चंद्रशेखर कापडी, किशन मेहता , ललित बिष्ट, जय प्रकाश उपाध्याय, शांति प्रसाद भट्ट,सरिता पुरोहित,रविन्द्र वशिष्ठ, श्री चौधरी जी,पान सिंह रावत, राजनीतिन रावत आदि मौजूद रहे।