विनीत कंसवाल, उत्तरकाशी। उत्तरकाशी।उत्तरकाशी से 10किलोमीटर दूर जिला प्रशासन और सिस्टम फेल नजर आ रहा हैं । खनन कारोबारी बेख़ौफ हो कर माँ गंगा का धड़ले से सीना चीर रहे हैं । गंगोत्री हाइवे की ठीक नीचे गंगा नदी पर खनन कारोबारियो का अपना एक हाइवे बना डाला है। जंहा पर खनन के खेल को बखूबी खेला जाता है। नियमो कानूनों की धाजियों उड़ा गंगा नदी की धारा को ही प्रभावित कर डाला गया है। पिछले एक हफ्ते से लगातार मीडिया में खबरें लग रही है। खनन माफिया बेख़ौफ होकर पोकलैंड मशीन के साथ गंगा नदी में उतर गए है। तस्वीरे बयां कर रही है किस तरह आस्था के साथ खिलवाड़ कर खनन माफियों की जेसीबी पोकलैंड मशीनें नदी में उतरी हुई है।खुलेआम एनजीटी के नियमो और ग्रामीणों की आस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
गंगा नदी पर नियम कानूनों के बीच खनन माफिया है ये डुंडा प्रसासन है। एक सुंदर गाड़ी कमाई का एक रास्ता इस तरह के खनन से निकलता है जिसके चलते जवाबदेय लोग मोन धारण कर चांदी काटने में लगे है।
जिलाधिकारी ने इस मामले में 10दिन पहले जांच की बात कही थी लेकिन डुंडा प्रसासन और खनन माफियों के सामने जिलाधिकारी के जांच की बाते फैल है। लेकिन इन सब के बीच मां गंगा में आस्था रखने वाले लोगो में भारी आक्रोश है। फिलहाल जिला प्रसासन का अगला कदम क्या होता है यह बड़ा सवाल इसका जवाब बना रहेगा।