अल्मोड़ा ।देवभूमि खबर। पिरूल का कोयला बनाने के लिए हमे ग्रामीणों को प्रेरित् करना होगा यह बात जिलाधिकार इवा आशीष श्रीवास्तव ने आज जिला कार्यालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में कही। उन्होंने कहा कि पिरूल व खतपतवार द्वारा जैव ईधन बनाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण देना होगा जिससे बायो ब्रिकेट (पिरूल का कोयला) बन सके। जिलाधिकारी ने कहा कि हमारे जनपद में चीड़ के वनो की अधिकता के कारण अधिकांश मात्रा में पिरूल गिरता है जिससे उसका उपयोग नहीं हो पाता है और गर्मियों के मौसम में आग लगने से काफी क्षति वनो को पहुॅचती है इसलिए इसके लिए प0 गोविन्द बल्लभ पंत हिमालयन एवं पर्यावरण संस्थान व विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान के वैज्ञानिकों के साथ विचारविमर्श कर इसके उपयोग के लिए एक ठोस कार्य योजना तैयार करने पर विचार किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने आजीविका के अधिकारियों से कहा कि वे अपने स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लोगो को पिरूल का कोयला बनाने के लिए तैयार करें ताकि जनपद में अन्य स्थानो पर ग्रामीण इसका सही उपयोग कर सकें। इस बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि विगत वर्षों में बायो ब्रिकेट बनाने व चूल्हा बनाने पर कार्य हो चुका है अब हमारा प्रयास होगा कि इन बायो ब्रिकेट, चूल्हों को ऑगनबाड़ी केन्द्रो, मध्यहान भोजन योजना से आच्छादित स्कूलों व दुग्ध संघ द्वारा स्थापित विक्रय केन्द्रों के माध्यम से इसके विपणन की भी व्यवस्था पर आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य करना होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद मुख्यालय में चितई मन्दिर व आफिसर्स कालोनी में चूल्हो व ब्रिकेट को रखकर विपणन की व्यवस्था करायी जाय ताकि लोग इसका उपयोग कर सकें। इसके लिए उन्होंने दुग्ध संघ के अधिकारियों सहायक निबन्धक सहकारी समितियॉ, महाप्रबन्धक उद्योग व अधिशासी निदेशक आजीविका के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे आपस में समन्वय बनाकर इसके लिए ठोस कार्य योजना तैयार करें। इसकी समस्या मुख्य विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास व जिला विकास अधिकारी करेंगे। चूल्हे बनाने के लिए प्रशिक्षण ग्राम्य विकास प्रशिक्षण संस्थान हवालबाग द्वारा विवेकानन्द कृषि अनुसंधान संस्थान के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ समन्वय स्थापित कर किया जायेगा। इस बैठक में पं0 गोविन्द बल्लभ पंत के वैज्ञानिक डा0 डी0एस0 रावत ने इसके बारे में विस्तृत रूप से प्रकाश डाला साथ ही विवेकानन्द कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक जे0के0 बिष्ट ने भी प्रकाश डाला और इस कार्य में पूर्ण सहयोग देने की बात कही। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी मयूर दीक्षित, परियोजना निदेशक नरेश कुमार, जिला विकास अधिकारी मोहम्मद असलम, प्रभागीय वनाधिकारी एस0के0 प्रजापति, आपदा प्रबन्धन अधिकारी राकेश जोशी, मुख्य कृषि अधिकारी प्रियंका सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी पी0एस0 बृजवाल, महाप्रबन्धक उद्योग दीपक मुरारी, परियोजना प्रबन्धक आजीविका ए0के0 चतुर्वेद्वी आदि उपस्थित थे।