रुद्रप्रयाग। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाडे का समारोहपूर्वक शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए परिवार नियोजन की स्थाई व अस्थाई सेवाओं का लाभ उठाने की अपील की गई। पखवाड़े के अंतर्गत जनपद की 121 चिकित्सा इकाइयों में परिवार नियोजन साधन कार्नर भी स्थापित किए गए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 बीके शुक्ला के निर्देशन में जनपद के समस्त ब्लाकों में विश्व जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े का शुभारंभ किया गया। ब्लाक अगस्त्यमुनि में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अरूणा बेंजवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अपने संबोधन में उन्होंने जनसंख्या स्थिरीकरण हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही परिवार नियोजन की स्थाई व अस्थाई विधि सेवाओं का लाभ उठाने की जनता से अपील की।
चिकित्सा अधिकारी डॉ भवानी प्रताप ने जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए परिवार नियोजन की स्थाई व अस्थाई विधियों को अपनाने पर जोर दिया। जिला समन्वयक परिवार कल्याण डा0 मनवर सिंह रावत ने बताया कि जनपद में 24 जुलाई तक विश्व जनसंख्या स्थरीकरण पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है, जिसके तहत समस्त चिकित्सा इकाईयों में परिवार नियोजन साधन कार्नर स्थापित किए गए हैं, बताया कि समस्त चिकित्सा इकाइयों में परिवार नियोजन सेवाएं, स्वास्थ्य शिक्षा व चिकित्सकीय परामर्श की सुविधाएं निःशुल्क प्रदान की जा रही हैं। परिवार नियोजन काउंसलर श्रीमती रेखा जोशी द्वारा परिवार नियोजन के साधनों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में जनसंख्या वृद्धि से होने वाले प्रतिकूल प्रभावों व जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भूमिका पर चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि तेजी से बढ़ रही जनसंख्या से समस्याएं भी बढ़ रही हैं, जिसके दृष्टिगत आने वाली पीढ़ी के सुखद भविष्य के लिए जनसंख्या स्थिरीकरण बेहद जरूरी है। वक्ताओं ने परिवार नियोजन अपनाने के लिए सामाजिक स्तर पर व्यवहार परिवर्तन पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया, कहा कि स्वास्थ्य विभाग व स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा गया कि परिवार कल्याण सेवा प्रदात्ता के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मियों को जागरूकता फैलाने के साथ एक प्रेरक के रूप में कार्य करना होगा। उन्होंने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को परिवार कल्याण के विकल्प व साधनों का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित कराने हेतु जागरूकता के स्तर पर प्रभावी करने की आवश्यकता है। संचालन श्री डीएम मंगवाल ने किया।
उधर, ब्लाक जखोली में उपजिलाधिकारी श्री परमानंद यादव द्वारा व ब्लाक ऊखीमठ में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा0 मोनिका सजवाण द्वारा पखवाड़े का शुभारंभ किया। इस अवसर पर वक्ताओं द्वारा लड़की की शादी 18 साल की उम्र के बाद करने, दो बच्चों में तीन वर्ष का अंतर रखने व बच्चों में अंतर रखने के लिए गर्भ निरोधक साधनों का उपयोग करने पर जोर दिया गया। साथ ही बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन के साधन पुरूष नसबन्दी कराने पर रूपए 2000 की,महिला नसबन्दी कराने पर रूपए 1400 व गर्भ निरोधक उपाय पीपीआईयूसीडी अपनाने पर रूपए 300 व प्रसव के बाद 7 दिन के भीतर नसबन्दी अपनाने पर रूपए 2200 की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।
कार्यक्रमों में निगरानी व मूल्यांकन अधिकारी श्री नागेश्वर बगवाड़ी, डीबीसीसीएफ हरेंद्र सिंह नेगी, बीएलए श्री बलवंत बजवाल, श्री सुधीर शुक्ला, अमित नौडियाल, ब्लाक समन्वयक आशा कार्यक्रम श्रीमती रचना भट्ट, श्रीमती संख्या खन्ना, एएमएम व आशा कार्यकत्रियां मौजूद रहें।
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