देहरादून । जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका ने ऋषिपर्णा सभागार में ज्यूवेनाइल जस्टिस कमेटी उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन में 17 एवं 18 सिंतबर 2022 को प्रस्तावित सेमिनार से पूर्व विभिन्न हित धारकों/डीसीडब्लूपीसी जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति के साथ बैठक की ।
बैठक में किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख और सरंक्षण) अधिनियम 2015 में किए गए संशोधित नियम व जनपद में पंजीकृत बालग्रह में निवासरत बालक/बालिकाओं/महिलाओं, अनाथ, परित्यक्त तथा भीख मांगने वाले व कूड़ा बिनने में लिप्त बच्चों के प्रति संबंधी विभागों की जिम्मेदारियों के संबंध में चर्चा की गई तथा संबंधित विभागों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के सुझाव भी सुने गए।
बैठक में जिलाधिकारी ने विभिन्न बाल आश्रय, महिला सदन आश्रम आदि में कार्यरत कार्मिकों का पुलिस वैरिफिकेशन कराने के निर्देश दिए साथ ही विभिन्न बाल सदनों, स्टेक होम में रह रहे 14 वर्ष से अधिक के बच्चों के कौशल विकास हेतु उनकी रूची के अनुसार प्रशिक्षण दिए जाने हेतु सूची प्रेषित करने के निर्देश दिए। ताकि बच्चों को रोजगार परक प्रशिक्षण दिया जा सके। बैठक में केन्द्र पोषिक योजना मिशन वात्सलय योजना पर चर्चा, मिशन वात्सलय के अन्तर्गत संचालित स्पांसरशिप योजना, ब्लाॅक, ग्राम, वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति के गठन के संबंध में चर्चा के साथ ही पंजीकृत सरकारी/स्वैछिक संस्थाओं के प्रबंधक/अधीक्षक/अधीक्षकाओं द्वारा उठाये गए प्रश्नों का भी समाधान किया गया।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान, मुख्य शिक्षा अधिकारी मुकुल सत्ती, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास अखिलेश मिश्रा, जिला पंचायतीराज अधिकारी एम.एम खान, जिला पूर्ति अधिकारी विपिन कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष रश्मी कुलश्रेठ सहित समस्त बालग्रहों एवं पंजीकृत सरकारी/स्वैछिक संस्थाओं के प्रबंधक/अधीक्षक/अधीक्षकाएं आदि उपस्थित रहे।