देहरादून । सभागार में गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी-कटारमल, अल्मोड़ा के तत्वाधान में जिला/राज्य पर्यावरण योजना की तैयारी पर परामर्शी कार्यशाला का आयोजन किया गया।
उत्तराखण्ड प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड द्वारा वित्त पोषित पर्यावरण परामर्शी कार्यशाला में जनपद के विभिन्न विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया गया। पर्यावरण कार्यशाला में प्रधानाचार्य/इन्वेस्टिगेटर डाॅ जे.सी कुनियाल तथा उनके सहयोगी डाॅ सुमित राय व कपिल केसरवानी, हिमालय पर्यावरण संस्थान के वैज्ञानिकों ने कार्यशाला में प्रजेन्टेशन के माध्यम से जनपद स्तर पर विभिन्न विभागों द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा के लिए विभिन्न प्रकार के वेस्ट के उचित निस्तारण उसके रिसाईकलिंग, पुनः उपयोग व विभिन्न तरीकों से उपयोग में लाने के तौर तरीकों से अवगत कराते हुए सम्बन्धित विभागों को ई-वेस्ट, साॅलिड वेस्ट, प्लास्टिक, बायो वेस्ट, सीवरेज ट्रीटमेंट, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, ग्राउण्ड वाटर निदान व रिचार्ज के निस्तारण के प्रबन्धन के लिए विभागों के स्तर पर बेहतर प्लान बनाने को कहा जिससे पर्यावरण की चुनौतियों को कम किया जा सके।
संस्थान के वैज्ञानिकों ने कहा कि सम्बन्धित विभाग अपने-अपने स्तर पर प्रदूषण को कम करने के लिए उपराचात्मक प्रयासों को धरातल के वास्तविक आंकड़ों को प्राप्त करते हुए बेहतर प्लान बनाएंगे साथ ही एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूल) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रयासों को अमल में लाएंगे। कहा कि पर्यावरण संस्थान उनको हर संभव तकनीकि सहायता व परामर्श देगा, जिससे विभिन्न विभाग अपने यहां पैदा होने वाले विभिन्न प्रकार के वेस्ट का उचित निराकरण कर सकेंगे। इसके लिए विभागों को अपने-अपने स्तर पर फिल्ड से बेहतर आंकड़े इकट्ठा करने होंगे, संसाधनों को बढाना होगा तथा जहां नियमावली में सुधार की अपेक्षा होगी उसमें भी संसोधन करेंगे। विशेषकर नगर निकाय (नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायत, पंचायतों), पेयजल निगम, जल संस्थान, स्वास्थ्य विभाग, वन विभाग, खनन विभाग, प्रदूषण नियंन्त्रण बोर्ड, परिवहन विभाग, उद्योग विभाग आदि अपने-अपने विभागीय स्तर पर बेहतर प्लान बनाकर उनके यहां जनरेट होने वाले वेस्ट के उचित निस्तारण तथा प्रदूषण के नियन्त्रण के लिए व्यापक प्रयास कर सकते हैं। परामर्शी कार्यशाला में विभिन्न विभागों से फिडबैक व परामर्श भी आमंत्रित किए गए तथा बहुमूल्य सुझाव के आधार पर आगे प्लान बनाने की बात भी की गई।
इस दौरान प्रशिक्षण में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वीर सिंह बुदियाल, उप जिलाधिकारी ऋषिकेश वरूण चौधरी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी कार्यशाल में उपस्थित थे।
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