अल्मोड़ा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये देशभर में 05 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक पर्यटन पर्व के रूप में मनाया जा रहा है यह बात जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव ने आज कसारदेवी में होटल एवं रिर्सोट एसोशिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि हमें पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये पर्यटन व्यवसाय से जुडे लोगों की समस्याओं का विशेष ध्यान देना होगा तभी सही मायने में इस पर्व को मनाये जाने की जो परिकल्पना है वह साकार होगी। जिलाधिकारी कहा कि कसारदेवी में पेयजल की गम्भीर समस्या से निपटने के लिये जल निगम द्वारा आगणन तैयार कराया जायेगा। इसके साथ ही इस क्षेत्र की विद्युत समस्या का भी शीध्र निदान करने की कोशिश की जायेगी। उन्होंने बताया कि यहां पर मंदिर सहित अनेक स्थानों वह पैदल मार्गों में सोलर लाईट जाने के लिये जिला योजना में योजना रखी जायेगी ताकि यहां पर आने वाले पर्यटकों को किसी प्रकार असुविधा न हो। जिलाधिकारी ने कहा कि माट, मटेना व गधौली को जाने वाले पैदल मार्गों को मनरेगा के अन्तर्गत बनाया जायेगा इसके लिये मुख्य विकास अधिकारी स्थलीय भ्रमण कर इस कार्य को होटल एसोशिएशन के पदाधिकारियों से मिलकर करायंेगे। जिलाधिकारी ने कहा कि शीध्र ही आगामी माह में यहां पर कृषि, उद्यान, विद्युत, जल निगम, जल संस्थान, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, वन सहित अन्य विभागों हेतु एक बहुउद््देशीय शिविर का आयोजन किया जायेगा ताकि यहा की समस्याओं को निदान हो सके। जिलाधिकारी ने कहा कि सिमतौला इकोपार्क को सुविधा सम्पन्न बनाने के लिये वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर एक कार्ययोजना तैयार की जायेगी ताकि पर्यटकों को सुविधा हो सके। उन्होंने कहा कि यहां के स्थानीय लोगों को गाइड प्रशिक्षण के साथ ही आयुर्वेद व पंचकर्म का भी प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने कसारदेवी मंदिर के समीप पर्यटकों की सुविधा हेतु बैठने के लिये बैंच लगाने की बात कही। जिलाधिकारी ने कहा कि शीध्र ही यहां पर एक विभिन्न संस्कृतियों से जुडी विधाओं पर आधारित एक महोत्सव का आयोजन कराया जायेगा जिसमें संास्कृतिक, साहित्यिक गतिविधियों के साथ खानपान से सम्बन्धित कार्यक्रम आयोजित होंगे इससे जहां एक ओर हमारे देश से आने वाले पर्यटकों व विदेशी पर्यटकों के साथ खुल कर वार्ता होगी वहीं दूसरी ओर विभिन्न प्रदेशों की सस्कृतिकों का आदानप्रदान होगा इसके लिये पर्यटन मंत्रालय सहित पर्यटन व्यवसाय से जुडे अन्य संस्थाओं से सम्पर्क किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने जिला पर्यटन विकास अधिकारी को निर्देश दिये कि इस क्षेत्र में जितने भी ट्रेकिंग रूट है उनको चिन्हित कर लिया जाय ताकि वहां पर आधारभूत सुविधायें मुहैया करायी जा सके। उन्होंने पर्यटन व्यवसाय से जुडे उद्यमियों से कहा कि वे अपने रैस्टोरैण्टों में जो भी व्यंजन तैयार करें उसमें इस बात का ध्यान रखें कि पहाड़ी व्यंजन अवश्य बने और उस व्यंजन के बारे में पर्यटकों को अवश्य बताये कि यह स्थानीय उत्पाद से बना भोजन है ताकि पर्यटक उसके प्रति जिज्ञासा रखें। जिलाधिकारी ने कहा कि लोगों को पर्यटन स्थलों के बारे में अधिकाधिक जानकारी मिल से इसके लिये प्रचार साहित्य गाइड बुक का प्रकाशन किया जा रहा है जिसके लिये जिला योजना में प्राविधान रखा गया था। इसके साथ ही उन्होंने पर्यटन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्थानस्थान पर होल्डिंग की स्थापना कर उसमें पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी दी जाय। जिलाधिकारी ने कसारदेवी के समीपस्थ योगा सेन्टर व आयुष वन की स्थापना करने की बात कही और उन्होंने इस अवसर पर स्थलीय निरीक्षण किया । कसारदेवी क्षेत्र में कोई राष्ट्रीयकृत बैंक न होने की बात पर एसोशिएशन के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि आगामी जिला सहवर्गी बैठक में इस मामलें को लीड बैंक अधिकारी के सम्मुख रखा जायेगा ताकि कोई उचित समाधान निकाला जा सके। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि मनरेगा के अन्तर्गत यथा सम्भव इस क्षेत्र के पैदल मार्गों को ठीक करने की व्यवस्था की जायेगी साथ ही उन्होंने कहा कि पर्यटन व्यवसाय को विकसित करने के लिये समूहिक प्रयास किये जायेंगे। इस अवसर पर पान सिंह थम्पा, मोहन सिंह रयाल, मथुरादत्त पाण्डे, हरीश जोशी, अरूण वर्मा ने अपने विचार रखे और पर्यटन व्यवसाय में होटल निर्माण में भवनों की ऊचाई हेतु शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जो मानक रखें गये है उससे कठिनाई हो रही ंहैं इस पर जिलाधिकारी ने अपने स्तर शासन को लिखने की बात कही साथ ही अनेक समस्याओं अवगत कराया। इस कार्यक्रम में कुन्दन सिंह, अमर जीत सिंह सहित अनेक लोग उपस्थित थे। जिला पर्यटन विकास अधिकारी कीर्ति आर्या ने पर्यटन विभाग द्वारा किये जा रहे कार्याें पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम का संचालन होटल एसोशिएशन के सचिव हरीश जोशी ने किया। इससे पूर्व आज राजकीय संग्रहालय में क्षेत्रीय पुरातत्व ईकाइ व राजकीय संग्रहालय द्वारा कला प्रर्दशनी का आयोजन किया गया था।