उन्होंने कहा कि 2008 से लेकर 2014 तक 6 वर्षों में केवल 80 दुकानें खोली गई। लेकिन 2014 के बाद 5 साल से भी कम अवधि में 5 हजार से अधिक जन औषधि केंद्र खोले गए। आजादी के 65 वर्ष में देश में 7 एम्स बने थे। बीते पांच साल में 15 एम्स या तो बन चुके हैं या बनने की प्रक्रिया चल रही है। पिछले साढ़े चार साल में मेडिकल क्षेत्र में एमबीबीएस और स्नातकोत्तर की 31,000 सीटें बढ़ाई गई हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, कोई इलाज से वंचित न रहे इसके लिए हमारी सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। सभी जन औषधि केंद्र संचालकों को मेरा कहना है कि आपको साल में एक बार अपने ग्राहकों का छोटा सा सम्मेलन करना चाहिए, जिससे वो और लोगों को भी इस विषय में बताएं और जागरूक करें।
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