नई दिल्ली ।एजेंसी।अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) की उस गुजारिश को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि आतंक को बढ़ावा देने वाले देशों से करार तोड़ देना चाहिए. आइसीसी ने कहा कि इस तरह के मामले में उसकी कोई भूमिका नहीं है.
हाल ही में पुलवामा आतंकी हमले में भारत के 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे. बीसीसीआइ ने इसके आधार पर आइसीसी को एक पत्र लिखा था, जिसमें वैश्विक संस्था और उसके सदस्यों से आतंक को बढ़ावा देने वाले देश से संबंध तोड़ने की गुजारिश की थी.बीसीसीआइ के अधिकारी ने नाम सामने न लाने की शर्त पर कहा, ऐसा कोई मौका नहीं है कि इस तरह कुछ हो सकता है. आइसीसी चेयरमैन ने स्पष्ट किया कि किसी देश का बहिष्कार करने का फैसला सरकारी स्तर पर होता है और आइसीसी का ऐसा कोई नियम नहीं है. बीसीसीआइ को इसकी जानकारी थी, लेकिन फिर भी उसने एक मौका पाने के लिए ऐसा किया.पता हो कि बीसीसीआइ ने अपने पत्र में पाकिस्तान का विशेष उल्लेख नहीं किया था, इसमें आतंक को पनाह देने वाले देश का प्रसंग दिया गया था. इस मामले पर शनिवार को शशांक मनोहर की अध्यक्षता वाली आइसीसी बोर्ड की बैठक में विचार जरूर किया गया, लेकिन ज्यादा समय नहीं लिया गया. बीसीसीआइ का प्रतिनिधित्व कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने किया.बोर्ड अधिकारी ने कहा, आइसीसी के कई सदस्य देशों के खिलाड़ी पाकिस्तान सुपर लीग में खेलते हैं और वह कभी इस तरह की गुजारिश पर ध्यान नहीं देते. हां सुरक्षा चिंता है और इस पर निगाह बनी रहती है.
टीम इंडिया को 2019 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलना है. हालांकि, भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ते विवाद के कारण इस मैच को बॉयकॉट करने पर जोर दिया जा रहा है. इस मांग को करने में पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और हरभजन सिंह भी शामिल हैं. भारतीय क्रिकेट का संचालन कर रही प्रशासकों की समिति (सीओए) ने हालांकि अब तक इस मामले में कोई फैसला नहीं करते हुए कहा है कि वह सरकार का नजरिया जानेगा.