देहरादून। देवभूमि खबर।पूरे प्रदेश में शिवरात्रि की धूम मची रही, सुबह से ही मंदिरों और शिवालयों में शिव भक्तों का तांता लगा रहा। महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर शिवभक्त भक्तिमय होकर भगवान शंकर की पूजा की और शिवलिंग का श्रंगार कर जलाभिषेक किया गया। वहीं मंदिरों में हर-हर महादेव के नारे से गुंजायमान कतारों में लगे लोग भगवान भोले का अभिषेक करने के लिए इंतजार करते दिखाई दिये।
वहीं मंदिर के पुरोहित पंडित विपिन जोशी ने बताया कि इस बार महाशिवरात्रि सोमवार के दिन पड़ी है, ऐसे में यह दिन बेहद ही शुभ माना गया। वहीं इस बार शिवरात्रि के मौके पर मंदिर में कई शिव शिवलिंग तैयार किए गए थे जो देश की रक्षा में जान न्योछावर करने वाले जवानों के नाम थे। सोमवार को महाशिवरात्रि पड़ने की वजह से लोगों में खासा उत्साह रहा। लोग ऋषिकेश के वीरभद्र मंदिर में सुबह से ही भगवान शिव को दूध, दही और गंगाजल से अभिषेक करने श्ऱद्धालु पहंुचने लगे थे। सुबह से ही तीर्थ नगरी के शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ जुटी रही। शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए ऋषिकेश स्थित पौराणिक वीरभद्र मंदिर में सुबह से ही भक्तों की लंबी लंबी लाइन लगी दिखाई दी। साथ ही पूरा परिसर हर-हर महादेव के उद्घोष से शिवमय हो गया। साथ ही नीलकंठ महादेव मंदिर में भी सुबह से भक्तों का पहुंचना शुरू हो गया था। वहीं कुछ लोगों ने पुलवामा में शहीद हुए शहीदों की आत्मा की शांति के लिए भगवान शिव से प्रार्थना की. मंदिर के बारे में पौराणिक मान्यता है कि वीरभद्र भगवान शिव का भैरव स्वरूप है। स्कंदपुराण के केदारखंड में वर्णित कथानुसार शिव ने दक्ष प्रजापति के यज्ञ को ध्वस्त करने के लिए अपनी जटा को पटक कर वीरभद्र की उत्पत्ति की थी। माना जाता है कि भगवान शिव ने इसी स्थान पर वीरभद्र का क्रोध शांत किया था और वीरभद्र ने ही यहां पर शिवलिंग की स्थापना की थी. बताया जाता है कि वीरभद्र महादेव का यह इकलौता मंदिर