अल्मोड़ा।11 दिवसीय मां नंदा महिला रामलीला मांगल योग समिति की आठ जिलों की महिला लोक कलाकरों ने अयोध्या रामजन्म भूमि में उत्तराखंड मात्र शक्ति की एक अलग ही पहचान बनाई। इस महिला रामलीला मंचन में अलग-अलग जिलों की अलग-अलग महिला कलाकारों के द्वारा अलग-अलग पात्रों का अभिनय करके । अधर्म के प्रति धर्म की लड़ाई के लिए तिरलोकी विजेता ,रावण को व इंद्र जीत , मेघनाद का बध करके अयोध्या रामजन्म भूमि में धर्म की विजय का पताका फहराने वाली देव भूमि उत्तराखंड की मात्र शक्ति।
प्रताप सिंह नेगी समाजिक कार्यकर्ता ने बताया कुमाऊं व गढ़वाल की आठ जिलों की महिला लोकलाकरों के द्वारा अयोध्या रामजन्म भूमि रामलीला मंचन करने में रुद्रप्रयाग छिनका गांव की सीमा गुसाई लोकगायिका व उनके पति सज्जन सिंह गुसाईं का सर्वोपरि योगदान रहा। नेगी बताया ये 11 दिवसीय रामलीला में सज्जन गुसाई की फोटोग्राफी, विडियो ग्राफी ,सीमा गुसाई लोकगायिका के द्वारा हर अभिनय में अलग-अलग तरीके लोकला करने में सबसे बड़ा योगदान रहा।
उन्होने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है मां नंदा महिला रामलीला मांगल योग समिति लगातार तेरह साल से रामलीला मंचन करती आ रही है ।आज चौदहवें साल की रामलीला मंचन करने का अवसर रामजन्म भूमि अयोध्या में इन महिलाओं को मिला जो इन महिलाओं का चौदहवां साल की रामलीला अयोध्या रामजन्म भूमि में रावण बध के बाद राज तिलक करके पूरे देश में उत्तराखंड की महिला लोकलाकरों ने इतिहास रच दिया।