देहरादून।देवभूमि खबर। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय सेवाकेन्द्र सुभाष् नगर के सभागार में 83वीं त्रिमूर्ति शिव जयंति पर महाशिवरात्रि महोत्सव के अंतर्गत ‘परमात्म अवतरण द्वारा महापरिर्वतन – ’’अजन्मा का जन्म’’’ विषय पर सर्व धर्म सम्मेलन का आयोजन किया गया।
राजयोगिनी ब्रह्मकुमारी मंजू दीदी ने सभी को महाशिवरात्रि की बधाई दी। ’हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई, आपस में सब भाई-भाई’ इसलिये कहते हैं क्योंकि परमपिता परमात्मा एक है, हमारा घर एक है और सृष्टि की नाटकशाला एक है। उन्होंने सभी को आज कुछ न कुछ अच्छाई लेकर जाने की प्रेरणा दी। उन्होंने खुशखबरी दी कि परमात्मा इस धरती पर आ चुके हैं जिनके द्वारा दिये गये आत्मा, परमात्मा, कर्मों व समय के सत्य परिचय को लेकर परमात्मा के दिखाये मार्ग पर चलने से यह दुनिया पुनः स्वर्ग बन रही है। स्वामी श्री 108 महंत कृष्णा गिरी जी महाराज (महंत श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर, गढ़ी कैण्ट, देहरादून) ने सभी भाइयों व माताओं को परिवारों मंे संस्कार को पल्लवित-पोषित करने का आग्रह किया। शमशेर सिंह (हैड ग्रंथी गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, आढ़त बाजार) ने अनेक नामों से पुकारे जाने वाले परवरदिगार, परमात्मा, अल्लाह, भगवान, गॉड, वाहे गुरु को ’एक’ कहा। जब हम उसको एक नहीं मानते तो हमारे मन में बुराइयाँ जन्म लेती हैं। जिसके मन में अच्छे गुण हैं, वह भगवान का स्वरुप है। ऐसा सोचने से ही भाईचारा कायम हो सकेगा। जनाब हज़रत मौलाना मोहम्मद अहमद क़ासमी जीे (शहर काज़ी – इमाम जामा मस्जिद, पल्टन बाज़ार, देहरादून) ने अल्लाह का शुक्रिया करते हुए उनके एहसान गिनाये और सभी को पुकारा कि शांति के लिये उसको याद करें, उसके आदेशों का पालन करें, झूठ से बचें, बुराई को मिटायें, अच्छाइयों को अपनायें, व नशे से दूर रहें। नेम चंद जैन जी (अध्यक्ष- जैन समाज, देहरादून) ने जनसमूह को अहिंसा, दया, करूणा, अपरिग्रह, परोपकार, सात्विकता, तथा ’जियो और जीने दो’ के महामंत्र की ओर उन्मुख किया। दक्पो शब्दुन्ग रिन्पोचे (पूर्व मुख्य लामा दक्पो द्रत्संग मोनेस्ट्री, देहरादून) ने सबको सबके अंदर श्रेष्ठता देखने के लिये, अपना विवेक जागृत करने के लिये, स्व पर नियंत्रण करने के लिये तथा अपने भीतर पवित्रता व पारदर्शिता लाने के लिये प्रेरित किया।
रेवरेन्ड सैमुएल मैक्ग्रेगर (पास्टर सी.आर.पी.सी., देहरादून) ने परमेश्वर पर अमिट विश्वास जताते हुए कहा कि वे कभी अपने बंदों को निराश नहीं करते, बल्कि उनमें नई आशा, ऊर्जा, खुशी, बलिदान की भावना, नेगेटिव ताकतों को समाप्त करने की ताकत का संचार करते हैं। रेवरेन्ड सैमुएल (पास्टर) ने मनुष्यमात्र को सच्चे प्रेम का संदेश दिया जो सबको आनंद, आशा, समस्याओं का समाधान, शांति एवं भलाई देता है। बाहुबल से नहीं, आतंकवाद को प्रेम से ही समाप्त किया जा सकता। ब्रह्मकुमारी नीलम ने उपस्थित जनसमूह को राजयोग मेडिटेशन के अभ्यास द्वारा परमात्म शक्ति, प्रेम व शांति का अनुभव कराया। ब्रह्मकुमार सुशील भाई ने मंच संचालन किया।