देहरादून। प्रदेश में अपराधों पर लगाम कसने और नागरिकों में सुरक्षा की भावना स्थापित करने के उद्देश्य से उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक श्री अभिनव कुमार ने एक विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है। उन्होंने प्रदेश के सभी जनपद प्रभारियों को गश्त (फुट पैट्रोलिंग) को प्रभावी ढंग से लागू करने के आदेश दिए हैं। साथ ही, अपराधों पर नियंत्रण और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई सख्त कदम उठाने पर जोर दिया है।
महानिदेशक ने कहा कि रात्रि के समय आपराधिक तत्वों की सक्रियता बढ़ जाती है, जिससे चोरी, लूट, डकैती और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं होती हैं। इन घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए पुलिस की सक्रियता बढ़ाई जाएगी और रात में गश्त को और सख्त किया जाएगा।
प्रत्येक जनपद में थानावार आपराधिक घटनाओं के हॉटस्पॉट चिन्हित कर उनकी मैपिंग की जाएगी। इन संवेदनशील स्थानों पर प्रभावी गश्त, फुट पैट्रोलिंग और चेकिंग सुनिश्चित की जाएगी ताकि अपराधियों पर नियंत्रण रखा जा सके।
सभी थाना क्षेत्रों के प्रमुख चौराहों, बाजारों, शॉपिंग मॉल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, और पार्क जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में प्रतिदिन पैदल गश्त अनिवार्य कर दी गई है। यह गश्त न केवल सुरक्षा के लिहाज से आवश्यक है, बल्कि लोगों में पुलिस की उपस्थिति का एहसास भी कराएगी।
महत्वपूर्ण और संवेदनशील मार्गों पर पर्याप्त संख्या में पैट्रोलिंग वाहन तैनात किए जाएंगे, साथ ही पुलिस पिकेट्स भी लगाई जाएंगी। महत्वपूर्ण स्थलों पर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना कराई जाएगी, जिससे निगरानी प्रभावी हो सके।
प्रत्येक दिन रात्रि गश्त और चेकिंग के लिए रोस्टरवार एक क्षेत्राधिकारी की ड्यूटी लगाई जाएगी। गश्त की निगरानी स्वयं अपर पुलिस अधीक्षक करेंगे। साथ ही, सभी जनपद प्रभारियों को रात एक बजे तक भ्रमणशील रहकर गश्त पार्टियों की रेन्डम चेकिंग सुनिश्चित करनी होगी।
रात्रि गश्त में लापरवाही, अनुपस्थिति या शिथिलता पाई जाने पर संबंधित पुलिस कर्मियों को चेतावनी दी जाएगी, और पुनरावृत्ति होने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
राजपत्रित पुलिस अधिकारी और थानाध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्रों में प्रतिदिन भीड़भाड़ वाले इलाकों में शाम के समय कम से कम एक घंटे की फुट पैट्रोलिंग करेंगे, जिससे अपराधियों पर प्रभावी निगरानी रखी जा सके।
गश्त और चेकिंग के दौरान सक्रिय अपराधियों, हिस्ट्रीशीटर और कुख्यात अपराधियों की आकस्मिक चेकिंग अधिक से अधिक पुलिस बल के साथ की जाएगी।
स्कूल, कॉलेज और औद्योगिक क्षेत्रों के आसपास खुलने और बंद होने के समय प्रभावी पैदल गश्त की जाएगी। इसमें संदिग्ध व्यक्तियों, विशेष रूप से मनचलों और संदिग्ध गाड़ियों में बैठे लोगों की चेकिंग की जाएगी।
पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को गश्त के दौरान आम जनता से संवाद स्थापित करने के लिए प्रेरित किया गया है, ताकि उनमें सुरक्षा की भावना पैदा हो सके और पुलिस को जरूरी सूचनाएं प्राप्त हो सकें।
गश्त के दौरान पुलिस अधिकारियों को संभ्रांत व्यक्तियों से मोबाइल नंबरों का आदान-प्रदान करने और इसे थाने में अभिलेखीकृत करने का निर्देश दिया गया है, ताकि आपातकालीन स्थिति में उनसे संपर्क किया जा सके।
फुट पैट्रोलिंग और गश्त के दौरान पुलिस कर्मियों को जनता के साथ शालीन और शिष्टाचारपूर्ण व्यवहार करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे पुलिस और जनता के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित हो सकें।
जहां आवश्यक हो, वहां मैदानी क्षेत्रों में घुड़सवार पुलिस का भी प्रयोग किया जाएगा ताकि अपराधियों पर दबाव बनाया जा सके और पुलिस की प्रभावी उपस्थिति दर्ज हो।
इन निर्देशों के जरिये उत्तराखंड पुलिस प्रदेश में कानून व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने और अपराधों पर कड़ा नियंत्रण रखने का प्रयास कर रही है।