देहरादून। केदार घाटी के गांवों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर लगे साइन बोर्डों को हटाए जाने के बाद भी इस मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच वाकयुद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इन साइन बोर्डों के लगाए जाने को उचित ठहराते हुए कहा कि गांवों की सुरक्षा के लिए ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी है, और यदि बाहरी लोग गांवों में चोरी और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करते हैं, तो पंचायत सुरक्षा के कदम उठाने में गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि बोर्ड की शब्दावली गलत थी, तो उसमें सुधार किया जा सकता है, लेकिन कांग्रेस इसे बेवजह मुद्दा बना रही है।
इस बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यदि भाजपा को इन बोर्डों को लगाना सही लगता है, तो फिर उन्हें हटाने का कोई कारण नहीं था। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि पार्टी की राजनीति समाज को विभाजित करने पर आधारित है और देश के लोग अब भाजपा की विभाजनकारी नीतियों को पहचान चुके हैं।
इस मुद्दे पर दोनों दलों के बीच राजनीतिक तकरार लगातार बढ़ती जा रही है।