देहरादून।उत्तराखंड में सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और कड़ी कार्रवाई की है। आज दिनांक 10 सितंबर 2024 को सतर्कता अधिष्ठान, देहरादून की ट्रैप टीम ने विद्युत विभाग के जेईई परवेज आलम और उनके सहयोगी आदित्य नोटियाल को ₹15,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई शिकायतकर्ता द्वारा दी गई सूचना के आधार पर की गई, जिसमें बताया गया था कि बिजली कनेक्शन लगाने के एवज में रिश्वत मांगी जा रही थी।
शिकायतकर्ता ने सतर्कता अधिष्ठान को सूचना दी थी कि जेईई परवेज आलम, जो हरिद्वार स्थित विद्युत विभाग के सब-स्टेशन में तैनात हैं, ने विकास नगर के एक व्यक्ति से उसका बिजली कनेक्शन लगाने के लिए रिश्वत की मांग की है। इस शिकायत के आधार पर सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने जाल बिछाकर आरोपी को पकड़ने की योजना बनाई। टीम ने तय समय और स्थान पर पहुंचकर जेईई परवेज आलम और उनके सहयोगी आदित्य नोटियाल को रिश्वत की राशि स्वीकारते हुए रंगे हाथों पकड़ा। रिश्वत की राशि ₹15,000 थी, जिसे मौके पर जब्त कर लिया गया।
गिरफ्तारी के बाद, सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने तुरंत आरोपियों के घर और अन्य ठिकानों पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने कहीं और से अवैध संपत्ति अर्जित की है या नहीं। सतर्कता अधिष्ठान के अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उनके अन्य संपत्तियों की भी जांच की जा रही है।
सतर्कता अधिष्ठान के निदेशक डॉ. वी० मुरुगेशन ने ट्रैप टीम की इस सफल कार्रवाई की सराहना की और उन्हें नकद पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपना रही है और ऐसी कार्रवाई से भ्रष्ट अधिकारियों को सख्त संदेश जाएगा। उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार मुक्त शासन सुनिश्चित करने के लिए सतर्कता अधिष्ठान की टीम निरंतर काम कर रही है और आगे भी ऐसे मामलों में कठोर कदम उठाए जाएंगे।
सतर्कता अधिष्ठान ने राज्य की जनता से अपील की है कि यदि किसी भी सरकारी विभाग में किसी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा रिश्वत की मांग की जाती है, तो इसकी तुरंत सूचना दी जाए। सतर्कता विभाग ने भ्रष्टाचार की शिकायतों के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1064 और व्हाट्सएप नंबर 9456592300 जारी किए हैं, जिन पर आम जनता रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार से जुड़ी जानकारी साझा कर सकती है।
यह कार्रवाई उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही व्यापक मुहिम का हिस्सा है।