देहरादून के जिला कार्यालय में अखिल भारतीय आशा कर्मचारियों ने भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने जिला अधिकारी के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए अपनी जायज़ मांगों पर त्वरित समाधान की अपील की।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत आशा और आशा फैसिलिटेटरों ने राज्य और केंद्र सरकार से जल्द से जल्द उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई की मांग की। उनका कहना है कि वे लंबे समय से ईमानदारी से कार्य कर रही हैं, लेकिन उन्हें एक आम मजदूर के बराबर मानदेय भी नहीं मिलता।
अखिल भारतीय आशा कर्मचारी महासंघ की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेनू ने बताया कि फैसिलिटेटरों को 25 दिन की मोबिलिटी दी जाती है, लेकिन उनसे 30 दिन काम कराया जाता है। आशा कार्यकर्ताओं ने वेतन वृद्धि, युनिफॉर्म, पदोन्नति, और रिटायरमेंट लाभ जैसी अन्य मांगें भी रखीं।
आशा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया, तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे, जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।