विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए पूर्व योजना और समन्वय आवश्यक: वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल

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देहरादून।वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सचिवालय में आयोजित वित्तीय प्रगति की समीक्षा बैठक में लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, शहरी आवास, ग्राम्य विकास और विद्यालय शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि विकास कार्यों की प्रगति में कोई रुकावट न हो, इसके लिए पूर्व योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि मानसूनी वर्षा, दुर्गम क्षेत्रों में सर्दी के कारण कार्यों में देरी और चुनाव-उपचुनाव की बाधाओं को ध्यान में रखते हुए विकास कार्यों को व्यवस्थित तरीके से अंजाम दिया जाना चाहिए।

मंत्री ने केंद्रीय और बाह्य सहायतित योजनाओं का पूरा बजट समय पर प्राप्त करने के लिए विभागों को बेहतर प्रस्ताव और उपयोगिता प्रमाण-पत्र समय से भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी विभाग अपने बजट के खर्चों का निर्धारण पहले से करें, ताकि कार्यों में रुकावट न आए। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि जारी की गई धनराशि का उपयोग पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ हो।

वित्त मंत्री ने “मेरा गांव, मेरी सड़क” योजना का क्रियान्वयन स्थानीय विधायकों के समन्वय से करने का निर्देश दिया, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की स्थिति में सुधार हो सके। साथ ही, उन्होंने भूमि अधिग्रहण के लिए सभी विभागों से कहा कि जितनी धनराशि की मांग की जाए, उसका पहले से शत-प्रतिशत खर्च का प्लान तैयार हो।

वित्त मंत्री ने सचिव शिक्षा को निर्देश दिया कि पुराने और जर्जर स्कूल भवनों की पहचान कर, प्राथमिकता के आधार पर उनके निर्माण या मरम्मत के कार्यों को शीघ्रता से पूरा किया जाए। इससे छात्रों की सुरक्षा और शिक्षा व्यवस्था में सुधार सुनिश्चित होगा।

बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा राजस्व वसूली के आंकड़ों पर चर्चा हुई, जिसमें मंत्री ने संतोष व्यक्त किया। विशेष रूप से सीजीएसटी, आबकारी, खनन, वन विभाग, ऊर्जा विभाग, ट्रांसपोर्ट, स्टांप और रजिस्ट्रेशन विभागों की वसूली में की गई प्रगति को सराहा गया। उन्होंने वन विभाग और ऊर्जा विभाग को विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए ताकि राजस्व वसूली में अपेक्षित प्रगति हासिल की जा सके।

बैठक के दौरान समीक्षा
बैठक के दौरान विभिन्न विभागों की वित्तीय और भौतिक प्रगति पर चर्चा की गई। संबंधित अधिकारियों ने वित्तीय प्रगति से जुड़े अवरोधों, फीडबैक और सुझावों से मंत्री को अवगत कराया। शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने विद्यालय शिक्षा में बढ़ी हुई डिमांड को देखते हुए नए प्रस्तावों पर बजट खर्च का अनुपात बढ़ाने का आग्रह किया।

अधिकारियों ने यह भी बताया कि चुनाव की आदर्श आचार संहिता और मानसूनी वर्षा के कारण कुछ वित्तीय कार्यों में देरी हुई है, लेकिन अब युद्धस्तर पर कार्य योजनाएं तैयार कर ली गई हैं। सभी विकास कार्यों की प्रगति में तेजी लाने के लिए समय पर और गुणवत्ता के साथ धनराशि का सदुपयोग किया जाएगा।

बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सचिव राधिका झा, रविनाथ रमन, दिलीप जावलकर, नितेश झा, डॉ पंकज कुमार पांडेय, हरिश्चंद सेमवाल,  विनोद कुमार सुमन, डॉ आर राजेश कुमार,  वी के षणमुगम, अपर सचिव सी रविशंकर, डॉ अहमद इकबाल व धीरज   गबर्याल, महानिदेशक  शिक्षा झरना कमठान सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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