अल्मोडा।उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों से सशक्त भू-कानून और मूलनिवास की मांग को लेकर आवाजें उठाई जा रही हैं। चमोली और रुद्रप्रयाग सहित कई जिलों में रैली और धरना प्रदर्शन कर सरकार को ज्ञापन सौंपा गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बाहरी लोगों द्वारा उनकी जमीनों पर अवैध कब्जे हो रहे हैं, और मूलनिवास प्रमाण पत्र जारी करने पर रोक लगाई जानी चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता प्रताप सिंह नेगी ने बताया कि सरकारी नौकरियों और अन्य क्षेत्रों में बाहरी लोगों का कब्जा बढ़ता जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों के रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं।
उत्तराखंड को एक पर्वतीय राज्य बनाने के संघर्ष के बाद, अब वहां की संस्कृति, परंपरा और भूमि को बचाने के लिए सशक्त भू-कानून की जरूरत महसूस की जा रही है। 24 अक्टूबर को देहरादून में प्रताप सिंह नेगी ने इस मांग का समर्थन किया।